बिहार लर्निंग वीक की शुरुआत, सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल तरीके से मिलेगा नया सीखने का मौका
बिहार सरकार ने “बिहार लर्निंग वीक” की शुरुआत की है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए नई जानकारियाँ और कौशल सीखने का मौका मिलेगा. इस पहल से प्रशासनिक क्षमता बढ़ाकर एक उत्तरदायी और आधुनिक बिहार बनाने की कोशिश की जा रही है.
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बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (BIPARD) और कर्मयोगी भारत की साझेदारी में आज से “बिहार लर्निंग वीक” की शुरुआत हो गई है. यह कार्यक्रम 17 जुलाई 2025 तक चलेगा और इसका मकसद है राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों और लोकसेवकों को डिजिटल माध्यम से नई जानकारी और कौशल सिखाना.
इस खास पहल की शुरुआत बिहार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने की. इस मौके पर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्द्र और सचिव श्रीमती रचना पाटिल भी मौजूद रहीं.
इस हफ्ते के दौरान सभी सरकारी अधिकारी IGOT कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए हर दिन चार घंटे प्रशिक्षण लेंगे. साथ ही, रोजाना दोपहर 2 बजे विषय आधारित वेबिनार आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञ शामिल होंगे.
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आज पहले दिन, स्वास्थ्य प्रणालियों की बेहतर समझ पर श्री मौलिक चोकसी (ग्लोबल डायरेक्टर – हेल्थ सिस्टम्स रिसर्च एंड पॉलिसी) ने अपना व्याख्यान दिया. आने वाले दिनों में सेवा भाव, कृषि नीति, आधारभूत संरचना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और जलवायु परिवर्तन जैसे जरूरी विषयों पर वेबिनार होंगे.
कहीं और से भी सीख सकते हैं कर्मचारी
सरकार का मानना है कि आज के दौर में ऑनलाइन अपस्किलिंग (नई चीजें सीखना) बेहद ज़रूरी हो गया है. इससे अफसर और कर्मचारी कहीं से भी और कभी भी सीख सकते हैं, जिससे उनका समय भी बचता है और काम करने की क्षमता भी बढ़ती है. IGOT कर्मयोगी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से अब दूर-दराज के इलाकों में भी अच्छी क्वालिटी का प्रशिक्षण देना मुमकिन हो पाया है.
“बिहार लर्निंग वीक” राज्य सरकार की उस सोच को दिखाता है, जिसमें निरंतर सीखना और नवाचार को सरकारी कामकाज का हिस्सा बनाकर एक बेहतर और जिम्मेदार बिहार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है.