Bihar Voter Revision: चुनाव आयोग ने कहा- आधार कार्ड कर रहे स्वीकार, SC में क्या-क्या हुआ, जानें एडवोकेट वरुण सिन्ह से ?
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चुनाव आयोग ने कहा कि आधार कार्ड पहले से स्वीकार्य है. अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.
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बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठे विवाद पर अब सुप्रीम कोर्ट की नजर है. इस मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को लेकर अहम बयान दिया है. कोर्ट ने इस मुद्दे पर 28 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है.
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने SIR के पृष्ठ संख्या 16 का हवाला देते हुए कहा कि आयोग पहले से ही आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार कर रहा है. आयोग ने यह भी कहा कि गणना प्रपत्रों में मतदाता का EPIC क्रमांक पहले से ही छपा हुआ होता है.
BLO द्वारा आधार कार्ड की मांग पर स्थिति
हाल ही में सोशल मीडिया और खबरों के माध्यम से कई जिलों से ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिनमें BLO (Booth Level Officers) लोगों से आधार कार्ड मांगते दिखाई दिए. हालांकि निर्वाचन आयोग की ओर से मांगे गए 11 प्रकार के दस्तावेजों की सूची में आधार कार्ड शामिल नहीं है. इसके बावजूद BLO द्वारा आधार की मांग को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
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2003 की मतदाता सूची का महत्व
ECI ने स्पष्ट किया कि जिन नागरिकों का नाम 1 जनवरी 2003 की मतदाता सूची में मौजूद है, उन्हें भारत का नागरिक माना जाएगा और उन्हें किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है. आयोग के अनुसार, यह सूची SIR आदेश के साथ सार्वजनिक कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि अगर दस्तावेज के रूप में आधार और राशन कार्ड जैसी पहचान को भी इस्तेमाल किया जा रहा है, तो उसे स्पष्ट रूप से दिशा-निर्देश में शामिल क्यों नहीं किया गया. अदालत ने चुनाव आयोग से 28 जुलाई तक विस्तृत जवाब मांगा है.
अब इस पर ईसीआई ने अपना स्पष्टीकरण दिया है. सुप्रीम कोर्ट में क्या कुछ हुआ? इसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता वरुण कुमार सिन्हा ने क्या कुछ कहा यह सुनिए.
इलेक्शन कमीशन के तरफ से सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो भी कार्यवाही इलेक्टोरल रिफॉर्म का चल रहा है वह संविधान के दायरे में है.
माननीय न्यायालय के मूड को भांपते हुए पिटिशनर्स ने अपने स्टे एप्लीकेशन को आज प्रेस नहीं किया है. इस तरह से इलेक्टोरल रोल रिवीजन के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय का किसी भी तरह का स्टे ऑर्डर नहीं है. यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया इलेक्टोरल रिफॉर्म को आगे करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ECI इन दस्तावेजों पर विचार कर सकती है
माननीय न्यायालय ने कहा कि अगर इलेक्शन कमीशन चाहे तो इन डॉक्यूमेंट्स (आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड) पर भी विचार कर सकती है. यानी ये मेंडेटरी नहीं है. अगर उनको (ECI) को उचित लगे कि यह कंसीडर करने के लायक नहीं है तो वह रीजन के साथ खारिज कर सकते हैं.
संजय शर्मा और अनीषा माथुर की रिपोर्ट
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