पप्पू यादव को राहुल गांधी-तेजस्वी के ट्रक से दिया गया धक्का? उन्होंने खुद बताई आपबीती
बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव को राहुल गांधी के पास जाने से रोका गया? वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद, क्या तेजस्वी यादव हैं पीछे की वजह?
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बिहार में बुधवार को वोटर लिस्ट रिवीजन (Special Intensive Revision) के खिलाफ चक्का जाम के दौरान एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया जिसने सियासत को गरमा दिया. बिहार में चक्का जाम से ज्यादा पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को धक्का देने और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को मंच पर न चढ़ने देने की खबर चर्चा में रही. इसपर जमकर सियासत भी होने लगी.
सियासी गलियारों में सवाल उठले लगे कि पप्पू यादव को राहुल गांधी के पास पहुंचने से आखिर कौन रोक रहा है? इन सबके पीछे RJD तो नहीं है? सिक्योरिटी वालों ने जिस ट्रक पर चढ़ने से पप्पू यादव को रोका वहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मौजूद थे. पप्पू यादव ने चढ़ने की कोशिश की पर गार्ड ने उनके हाथ को झटकते हुए रोक दिया. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
पप्पू यादव के बाद ये लोग चढ़े ट्रक पर
पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को ट्रक पर नहीं चढ़ने दिया गया. इसके बाद राजेश राम और शकील अहमद को ट्रक पर चढ़ने दिया गया. अब सवाल ये उठा कि फिर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को चढ़ने से क्यों रोका गया?
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पप्पू यादव ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर बिहार तक ने पप्पू यादव से बात की. कांग्रेस के प्रति एकतरफा प्यार और फिर सरेआम बेइज्जती वाली बात पर पप्पू यादव ने कहा- मैं चैलेंज करता हूं...कोई धक्का नहीं दिया गया. विचारधारा (कांग्रेस) के प्रति पागल हूं. मेरा नाम भी नहीं था और जाना भी नहीं था. बहुत सारे नेता नहीं गए. कांग्रेस के प्रभारी के कहने पर बंद बुलाया. उस ट्रक पर प्रभारी नहीं थे. वे नीचे थे. ट्रक पर घटक दल के नेता थे.
पप्पू यादव ने आगे कहा
राजेश राम हमारे अध्यक्ष हैं और शकील अहमद जी अपोजिशन लीडर हैं तो क्या वो नहीं जाएंगे. मैं तो एक कार्यकर्ता हूं. कांग्रेस के कार्यक्रम में तो हमेशा रहता हूं. कोई मुझे वापस नहीं किया. राहुल गांधी पहुंच गए उसके बाद हम वापस गए. मुझसे किसी को कोई परेशानी नहीं है.
राहुल गांधी तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता
राहुल गांधी मेरे नेता हैं और उनतक पहुंचने में मुझे कोई नहीं रोकता है. तेजस्वी यादव घटत दल के नेता हैं. एक पार्टी के नेता हैं. ये दायित्व महागठबंधन का है कि सभी पार्टी एक रहे. मैं तो कार्यकर्ता हूं कांग्रेस का. मेरे लिए सम्मान-स्वाभिमान बड़ी बात नहीं है. बड़ी बात बिहार की जनता है.
इस पूरे मामले में कांग्रेस की तरफ से पप्पू यादव की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. गौरतलब है कि इंडिया ब्लॉक की तरफ से SIR (Special Intensive Revision) के खिलाफ बुधवार को बिहार बंद रखा गया था. इस अभियान में कांग्रेस पार्टी के साथ उनके घटक दलों ने बिहार बंद में हिस्सा लिया था.
तेजस्वी यादव का नाम क्यों लिया जा रहा?
पप्पू यादव को धक्का देने और राहुल गांधी तक नहीं पहुंचने के मामले पर तेजस्वी का नाम चर्चा में है. भले ही पप्पू यादव तेजस्वी की ऐसी किसी भूमिका को नकार रहे हैं फिर भी चर्चा का आधार क्या है?
दरअसल साल 2024 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ तब पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी (जाप) का विलय कांग्रेस पार्टी के साथ कर दिया.इससे पहले ही पप्पू यादव का प्रेम कांग्रेस पार्टी के प्रति दिखने लगा था. तब पप्पू यादव को ये उम्मीद थी कि पूर्णिया से उन्हें कांग्रेस पार्टी का टिकट मिल जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं. गठबंधन के घटक दल राजद के दबाव में ये सीट उनके खाते में चली गई. पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ गए.
तेजस्वी ने पप्पू यादव को लेकर ऐसा क्या कह दिया था?
आरजेडी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे तेजस्वी यादव ने जनता से अपील करते हुए कहा था कि भले ही एनडीए का प्रत्याशी जीत जाए पर पप्पू यादव को नहीं जीतने देना है. हुआ उल्टा और पप्पू यादव ने इंडिया और एनडीए दोनों पार्टियों को हरा दिया.
पप्पू यादव न केवल जीते बल्कि खुद को कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता मानते हुए कांग्रेस पार्टी के लिए कई राज्यों में चुनाव प्रचार भी किया. इसके बाद ये चर्चा होने लगी कि पप्पू यादव राहुल गांधी के करीब पहुंचना चाहते हैं पर तेजस्वी ऐसी नहीं होने देते हैं.
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