खान सर को किस पार्टी से मिला विधानसभा चुनाव लड़ने का ऑफर, राजनीति में एंट्री के सवाल पर दिया जवाब
खान सर को कई राजनीतिक दलों से प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें राजनीति में कोई रुचि नहीं है. उनका मानना है कि बिना सत्ता में आए भी समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है.
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शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके 'खान सर' अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. लेकिन इस बार चर्चा का विषय उनकी शिक्षा शैली नहीं, बल्कि राजनीति में संभावित इंट्री को लेकर है. दरअसल बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बीच खान सर की कभी चिराग पासवान तो कभी नीतीश कुमार के साथ तस्वीर खूब वायरल हो रही है. मीडिया में भी ये कयास लगया जा रहा है कि खान सर राजनीति में एंट्री ले सकते हैं.
हालांकि खान सर ने हमारे सहयोगी बिहार तक के एक इंटरव्यू में ये साफ कर दिया है कि राजनीति में फिलहाल उनकी कोई रुचि नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रशांत किशोर या नीतीश के अप्रोच करने पर उन्हें उनकी पार्टी में शामिल होते देखा जा सकता है. तो उन्होंने साफ कहा कि "हमको इस सब में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता." यानी राजनीति में उनकी रुचि नहीं है.
इसी इंटरव्यू में उन्होंने इस बात को भी खुलासा किया है कि समय-समय पर उन्हें अलग अलग राजनीतिक दलों से उन्हें प्रस्ताव भी आते रहे हैं. यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि खान सर की लोकप्रियता और जनसरोकारों पर उनके विचार उन्हें संभावित नेता के रूप में प्रस्तुत करते हैं. लेकिन खान सर साफ करते हैं कि उनका जवाब हमेशा वही रहता है ''ना."
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शिक्षा और सेवा का मार्ग ही प्राथमिकता
राजनीति में आने के सवाल पर खान सर एक बहुत ही गहरी बात कहते हैं, "अगर हमारे पास कोई तरीका है किसी की बीमारी को ठीक करने के लिए, तो हम इंजेक्शन लेकर कहेंगे क्या कि जब मेरा अस्पताल खुलेगा तब मारेंगे? इंजेक्शन है तो मार देंगे, सही हो जाएगा."
इस उदाहरण से वो यह जताते हैं कि अगर बदलाव लाना है, तो उसके लिए सत्ता या राजनीति जरूरी नहीं. सेवा का भाव और इच्छा शक्ति ज्यादा महत्वपूर्ण है.
4 करोड़ छात्रों को दे रहे हैं शिक्षा
खान सर पटना के चर्चित और जनप्रिय शिक्षक हैं, जो करीब 4 करोड़ छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर ढाई करोड़ से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं और डेढ़ करोड़ छात्र उनके ऐप के जरिए पढ़ाई करते हैं। पटना स्थित उनके संस्थान में हर रोज 400 क्लासेस चलती हैं, जहां 500 से अधिक छात्र उपस्थित होते हैं। खास बात यह है कि खुद खान सर रोज़ 11 घंटे पढ़ाते हैं। व्यस्तता के बावजूद वे शिक्षा को अपनी प्राथमिकता मानते हैं और छात्रों तक कम लागत में गुणवत्तापूर्ण ज्ञान पहुंचाने के लिए समर्पित हैं।
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