कर्नाटक का बुलडोजर विवाद केरल तक पहुंचा, वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार और पिनरई विजयन आमने-सामने

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के बुलडोजर एक्शन पर सियासत गरमा गई है. बीते दिनों बेंगलुरु में कई घरों को अवैध बताते हुए बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया था, अब इस पर सियासत हो रही है. इसकी राजनीति केरल तक पहुंच गई.

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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के बुलडोजर एक्शन पर सियासत गरमा गई है. बीते दिनों बेंगलुरु में कई घरों को अवैध बताते हुए बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया था. अब इस पर सियासत हो रही है. इसकी राजनीति केरल तक पहुंच गई. डीके शिव कुमार और केरल के सीएम पिनरई विजयन आमने-सामने आ गए और इस मामले को लेकर राहुल गांधी के करीबी केसी वेणुगोपाल को कर्नाटक का 'सुपर सीएम' क्यों बताने लगी बीजेपी. ये सब हम आपको इस रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं. 

दरअसल, बेंगलुरु में 400 से ज्यादा घरों को गिराने के बाद कर्नाटक सरकार विवादों में घिर गई है. जिससे सैकड़ों लोग, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग हैं बेघर हो गए हैं. इस मामले पर जारी सियासत के बीच राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले और कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को इस मामले में कांग्रेस हाईकमान की चिंता के बारे में बताया. जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि वेणुगोपाल कर्नाटक के सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं. 

रखनी चाहिए सावधानी

वेणुगोपाल ने अपने X अकाउंट पर कहा था कि उन्होंने इस संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से बात की थी और कहा था कि ऐसे कदम उठाते समय सावधानी रखी जानी चाहिए थी. यानी कहीं न कहीं इस राहुल के संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है. हालांकि राहुल गांधी ने इस मामले पर सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया है. 

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इस पर कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने सीधे वेणुगोपाल को निशाने पर लिया और उन्हें ‘सुपर सीएम’ करार दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी की राय रखना एक बात है लेकिन उपदेश देना और राज्य सरकार पर दबाव डालना सरासर मनमानी और संघवाद का अपमान है. कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष विजयेंद्र ने भी कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि यह कर्नाटक की जनता का सीधा अपमान है. विजयेंद्र ने कहा कि जनता ने बेंगलुरु में सरकार बनाने के लिए वोट दिया था ना कि दिल्ली से आदेश जारी करने वाली किसी अदृश्य सत्ता के लिए. डीके शिवकुमार ने वेणुगोपाल का बचाव किया और कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता के रूप में उन्हें सरकार के कामकाज पर सलाह देने का पूरा हक है. शिवकुमार ने कहा कि वेणुगोपाल प्रशासन में दखल नहीं दे रहे हैं. 

सीएम ने इस कार्रवाई को बताया था बुलडोजर राज

इस बीच डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने प्रभावित इलाके में पहुंचकर वहां का जायजा लिया. ये बेंगलुरु का कोगिलु गांव में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट का इलाका है. इससे पहले इस मामले में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और केरल के सीएम पी.विजयन आमने-सामने आ गए थे. केरल के सीएम ने इस कार्रवाई को बुलडोजर राज बताया था. पर बोले तो डीके शिवकुमार ने केरल के मुख्यमंत्री पी.विजयन पर बिना तथ्य जाने मामले में दखल देने का आरोप लगाया. 

शिवकुमार ने कहा, "ये दुखद है कि वरिष्ठ नेता जैसे पिनाराई विजयन ने बिना मामले की पूरी जानकारी लिए इस पर टिप्पणी की. जिस भूमि को साफ किया गया वह एक ठोस कचरा गड्ढा था, जिससे इलाके में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं पैदा हो रही थीं. हमने मानवता दिखाते हुए इन्हें दूसरी जगह जाने का अवसर भी दिया था. ऐसे मामलों में बाहरी नेताओं को दखल नहीं देना चाहिए. भूमि माफिया बाद में जमीन पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. यदि वहां रहने वाले पात्र हैं तो उन्हें राजीव गांधी योजना के तहत मकान दिए जाएंगे. सरकारी ज़मीन पर किसी को कब्जा नहीं करने देंगे. हमारे यहां बुलडोजर कल्चर नहीं है. मैं पिनाराई विजयन से अपील करता हूं कि वे इस तरह की बातें न करें. हम केवल शहर के बीचों-बीच सरकारी जमीन की रक्षा कर रहे हैं. इस मामले में हम अपने पार्टी नेताओं को भी संदेश देंगे.

इस हफ्ते की शुरुआत में हुई इस बड़े पैमाने पर बेदखली की कार्रवाई ने सत्ताधारी कांग्रेस और केरल लेफ्ट फ्रंट यूनिट के बीच ज़बरदस्त जुबानी जंग छेड़ दी है. जानकारी के मुताबिक बीते 22 दिसंबर को कोगिलु गांव में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट में तोड़फोड़ की गई थी. जिसके बाद से ये पूरी सियासत गरमाई. 

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