सूरत में महंगी साड़ियां किलो के भाव क्यों बिक रही है? दुकानदार रातोंरात सस्ते दाम में बेचने को मजबूर
Surat Textile Market: पिछले तीन दिनों से गुजरात के सूरत शहर में भारी बारिश और जलभराव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था. अब भले ही पानी उतर गया हो, लेकिन शहर के कपड़ा कारोबारियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
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Surat Textile Market: पिछले तीन दिनों से गुजरात के सूरत शहर में भारी बारिश और जलभराव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था. अब भले ही पानी उतर गया हो, लेकिन शहर के कपड़ा कारोबारियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जलभराव की चपेट में आए कई टेक्सटाइल बाजारों में करोड़ों रुपये की साड़ियां खराब हो गई हैं, जिन्हें अब कारोबारी किलो के भाव बेचने को मजबूर हैं.
गंदे पानी में डूबी साड़ियों को सुखाने की जद्दोजहद
जलभराव के बाद जब दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोलीं, तो वे हैरान रह गए. दुकानों में रखी कीमती साड़ियां गंदे पानी में पूरी तरह से डूब चुकी थीं. पानी से भीगी और दुर्गंध मारती इन साड़ियों को अब कारोबारी पंखों की हवा में सुखाकर किसी तरह बेचने की कोशिश कर रहे हैं. रघुबीर टेक्सटाइल मार्केट से पानी उतरे हुए 10 दिन बीत चुके हैं, फिर भी साड़ियों को सुखाने का काम जारी है.
कपड़ा कारोबारियों का कहना है कि ये साड़ियां अब अपनी असली कीमत पर नहीं बिक पाएंगी. मजबूरी में उन्हें ये साड़ियां "किलो के भाव" बेचनी पड़ रही हैं. जो साड़ी पहले 100 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक की कीमत में बिकती थी, वह अब कुछ रुपयों प्रति किलो के हिसाब से बिकेगी.
करोड़ों का नुकसान, मुआवजे की मांग
सूरत के करीब 10 टेक्सटाइल मार्केट ऐसे हैं जहां निचले तल पर खाड़ी का पानी घुस गया था, जिससे कपड़ा कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है. अनुमान है कि इस जलभराव से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
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कपड़ा कारोबारी सुनील भाई का कहना है कि सरकार की ओर से भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं दी गई थी. अगर चेतावनी मिली होती, तो शायद वे अपना माल बचा पाते. वहीं, एक अन्य कारोबारी ललित शर्मा ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सूरत के कपड़ा कारोबारी प्राकृतिक आपदाओं से लगातार जूझ रहे हैं; कभी आग से नुकसान होता है तो कभी बारिश से. ऐसे में वे बेहद परेशान हैं.
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