Personal Finance: इनकम टैक्स के दायरे में नहीं है सैलरी, फिर भी रिटर्न फाइल करना क्यों है जरूरी, जानें 6 बड़े कारण

बृजेश उपाध्याय

टैक्स के दायरे में न होने पर भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना क्यों जरूरी है? Personal finance की इस सीरीज में जानिए ITR भरने के 6 बड़े फायदे.

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तस्वीर: न्यूज तक.
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आशुतोष की सैलरी 11 लाख रुपए सालाना है. अब 12 लाख से ज्यादा कमाई पर इनकम टैक्स देय है. उसपर भी 75 हजार की छूट और है. यानी 12 लाख 75 हजार रुपए तक की सैलरी पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा. इस सीमा के बढ़ते ही करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोग आयकर के दायरे से बाहर हो गए हैं.

अब आशुतोष ही नहीं बल्कि इनके जैसे लाखों सैलरीड पर्सन के मन में ये बात है कि क्या इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अब जरूरी है क्योंकि सैलरी तो इनकम टैक्स की सीमा के भीतर हो गई है. 

Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरने के फायदे बता रहे हैं. भले ही आप टैक्स के दायरे में न हों, फिर भी आप रिटर्न नहीं भरते हैं तो ये फायदे आपको नहीं मिलेंगे. हां...एक बात जरूर है. आपको भविष्य में परेशानियों का सामना जरूर करना पड़ सकता है. 

टैक्स 0 फिर भी ITR फाइल करना क्यों जरूरी?

1. लोन के लिए जरूरी दस्तावेज

  • होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेने पर बैंक आपसे पिछले 2-3 साल के ITR की कॉपी देने को कहते हैं. 
  • ITR से आपकी आमदनी और  निवेश का आधिकारिक रिकॉर्ड बनता है.

2. विदेश यात्रा से पहले वीजा के लिए भी जरूरी

  • अगर आप विदेश में नौकरी करने या घूमने जा रहे हैं तो वीजा लेने के दौरान ITR एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में काम करता है. 
  • कई एम्बेसी (जैसे अमेरिका, कनाडा, यूरोप) पिछले 2-3 साल का ITR मांग लेते हैं. 

3. TDS रिफंड क्लेम में भी मददगार

  • अगर आपकी सैलरी से या बैंक FD से TDS कट गया है, तो ITR फाइल करके पूरा रिफंड लिया जा सकता है. 
  • बिना ITR फाइल किए रिफंड नहीं मिलता है. 

4. सरकारी योजनाओं के लाभ पाने के लिए भी जरूरी

  • कई योजनाओं, सब्सिडी या टेंडर में महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में ITR की जरूरत पड़ती है.
  • ITR देकर बताते हैं कि आप रेगुलर टैक्सपेयर हैं.

 5. महत्वपूर्ण इनकम प्रूफ

  • इनकम प्रूफ के लिए सैलरी स्पिप से ज्यादा भरोसेमंद ITR है. 
  • नौकरी बदलते वक्त या PF क्लेम के अलावा वित्तीय मामलों में यह दस्तावेज बड़े काम का है.

6. कानूनी सुरक्षा में भी देता है मदद

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  • ITR से यह साबित करना आसान होता है कि आपने अपनी आमदनी का सही रिकॉर्ड रखा हुआ है.
  • टैक्स विभाग या कानूनी मामलों में यह आपके पक्ष मजबूत करता है. 

देर से रिटर्न फाइल करने के नुकसान

इनकम टैक्स रिटर्न की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 करीब आ रही है. जैसे-जैसे रिटर्न फाइल करने में देरी होगी, सर्वर पर दबाव बढ़ेगा और रिटर्न फाइल करने में मुश्किल भी आ सकती है. यदि आपका टैक्स कटा है तो उसे वापस मिलने में भी देरी हो सकती है क्योंकि विभाग के पास एक साथ बल्क में रिटर्न पहुंचेंगे तो उन्हें रिव्यू में भी वक्त लगेगा. ऐसे में समय रहते रिटर्न फाइल कर दें. 

डेडलाइन निकल जाने पर लगेगा फाइन?

यदि 15 सितंबर की डेडलाइन निकल गई और आप ITR नहीं भर पाए तो 5000 रुपए जुर्माना देना पड़ सकता है. इसलिए ITR की डेडलाइन को हल्के में न लें. यहां जानें पूरी डिटेल

निष्कर्ष

भले ही आपकी सैलरी टैक्सेबल इनकम के दायरे में न हो, लेकिन ITR फाइल करना आपके आर्थिक भविष्य को मजबूत प्रदान करता है. यह सिर्फ टैक्स का मामला नहीं है, बल्कि यह आपके लिए एक Financial Identity Card है जो आपके आर्थिक पक्ष को साफ-सुथरा रखने में मदद करता है. 

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