Personal Finance: नौकरी लगने के बाद वो 5 गलतियां जो बनाती हैं कर्जदार, बढ़ाती हैं टेंशन

बृजेश उपाध्याय

Personal Finance की इस सीरीज में हम वो 5 गलतियां बताने के साथ नौकरी लगने के बाद अधिकांश युवा करते हैं. ये छोटी-मोटी गलतियां है जिनके लॉन्ग टर्म इफेक्ट होते हैं.

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तस्वीर: AI
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सभी युवाओं की तमन्ना होती है उन्हें नौकरी मिले या बिजनेस, स्टार्टअप शुरू करें. उसमें वो सफल होते जाएं और आमदनी भी अच्छी हो जाए. नौकरी मिलते ही सैलरी का मैनेजमेंट ठीक से नहीं किया तो तो साल दर साल गुजरते जाएंगे और अकाउंट हमेशा खाली ही रहेगा. सैलरी तो कम पड़ेगी ही कर्ज का बोझ टेंशन बढ़ाना शुरू कर देगा. इन सबके पीछे वो 5 गलतियां हैं जो कमाई हवा करने के साथ ही कर्जदार भी बनाती हैं. 

Personal Finance की इस सीरीज में हम वो 5 गलतियां बताने के साथ नौकरी लगने के बाद अधिकांश युवा करते हैं. ये छोटी-मोटी गलतियां है जिनके गंभीर परिणाम होते हैं. कब नौकरी करते सालों निकल जाते हैं. न सेविंग्स होती हैं और न पास में पैसे. वहीं दूसरे युवक अपने फाइनेंशियल मैनेजमेंट पर फोकस करके ड्रीम पूरे करने लग जाते हैं. घर, कार वगैरह. 

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ये हैं वो 5 गलतियां 

1. सैलरी आते ही खर्च शुरू कर देना (No Budgeting)

  • बिना बजट बनाए खर्च करने से न सेविंग्स होती है, न कोई कंट्रोल.
  • इससे अंत में कर्ज की नौबत भी आ सकती है.

2. इमरजेंसी फंड न बनाना

  • नौकरी चली जाए, बीमार पड़ें, फैमिली में कोई मेडिकल जरूरत आ जाए.
  • इन सबके लिए इमरजेंसी फंड न हो तो हालात बिगड़ जाते हैं.

3. क्रेडिट कार्ड का लापरवाही से इस्तेमाल

  • सिर्फ मिनिमम पेमेंट करना, लिमिट से ज्यादा खर्च करना और टाइम पर बिल न भरना.
  • ये सब क्रेडिट स्कोर खराब कर सकते हैं. (सिबिल स्कोर शादी पर भी असर डाल सकते हैं. यहां क्लिक करके जानें) 

4. बिना रिसर्च के इंश्योरेंस और निवेश लेना

  • गलत पॉलिसी लेना, या सिर्फ टैक्स बचाने के लिए निवेश करना बाद में फायदे की बजाय नुकसान देता है.

5. EPF, ग्रेच्युटी और कंपनी बेनिफिट्स को नजरअंदाज करना

  • लंबे वक्त में ये फायदे बहुत काम आते हैं, लेकिन शुरुआत में लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. 

5 जरूरी काम जो जॉब शुरू करते ही जरूर करें 

1. बजट बनाएं और सैलरी का प्लान करें (50-30-20 रूल)

  • 50% जरूरी खर्च (रेंट, खाना, ट्रैवल)
  • 30% इच्छाओं के लिए (शॉपिंग, घूमना)
  • 20% बचत और निवेश के लिए (SIP, इमरजेंसी फंड). 

2. इमरजेंसी फंड ऐसे बनाएं 

  • कम से कम 3-6 महीने की सैलरी के बराबर फंड बनाएं.
  • इसे अलग सेविंग अकाउंट या लिक्विड फंड में रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मिल जाए. 

3. स्वास्थ्य और जीवन बीमा लें (Health & Term Insurance)

  • नौकरी के शुरुआती सालों में ये सस्ता मिलता है.
  • भविष्य की बड़ी मुसीबतों से बचाता है. 

4. SIP या PPF जैसे निवेश की शुरुआत करें

  • छोटी रकम से शुरू करें, पर इसे लगातार बढ़ाते जाएं.
  • कंपाउंडिंग का फायदा समय के साथ मिलेगा. 

5. अपने क्रेडिट स्कोर को बनाए रखें

  • समय पर बिल भरें
  • EMI मिस न करें
  • जरूरत से ज्यादा कर्ज न लें. 

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