Personal Finance: बिना अप्रेजल हर महीने बढ़कर आएगी सैलरी, अप्रैल से मिलेगा फायदा, जानें नया नियम
New Tax Regime 2025: 1अप्रैल 2025 से नया टैक्स रिजीम लागू हो गया है. अब 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है. बिना अप्रेजल भी नौकरीपेशा को अप्रैल महीने से ज्यादा सैलरी मिलेगी. जानें नया टैक्स स्लैब और फायदा.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

बिना इन्क्रीमेंट हर महीने बढ़कर खाते में आएगा पैसा.

निजी या सरकारी कर्मचारी...हर किसी को होगा फायदा.
New Tax Regime 2025: नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है जिसकी पहली सैलरी 30 अप्रैल को आएगी. बहुत सारी कंपनियों में अप्रेजल प्रोसेस भी शुरू हो चुका है. वहां से भी बहुत सारे लोगों के लिए भी अच्छी खबर आने वाली है. अप्रेजल प्रोसेस पूरा होने में तो कुछ समय लगेगा, लेकिन 30 अप्रैल को जो सैलरी आने वाली है वो बढ़कर आएगी. चाहे सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट-हर उस कर्मचारी को फायदा होगा.
धर्मेंद्र भी काफी उत्साहित हैं. वे एक निजी कंपनी में काम करते हैं. इनकम टैक्स डेक्लेरेशन देने के बावजूद कई बार कंपनी टैक्सेबल सैलरी काटकर उन्हें अकाउंट में देती है. बाद में वे सीए से रिटर्न भरवाकर कुछ तो वापस ले पाते हैं पर कुछ हिस्सा इनकम टैक्स में चला ही जाता है. 12 लाख 35 हजार सालाना CTC पाने वाले धर्मेंद्र को उम्मीद है कि अप्रैल से अब वे निवेश कर टैक्स बचाने जैसे झंझटों से मुक्त हो जाएंगे. साथ ही उनकी इन हैंड सैलरी भी पहले से बढ़कर आएगी और वो भी बिना इन्क्रीमेंट हुए.
Personal Finance की इस सीरीज में इनकम टैक्स की नई गणित के साथ ही सैलरीड पर्सन की इनकम में बढ़ोत्तरी की पूरा जोड़-घटाना बताने जा रहे हैं. अप्रेजल से पहले ही सैलरी अकाउंट में बढ़कर आने वाले पैसे की मैथमेटिक भी बताएंगे.
न्यू टैक्स रिजीम Vs ओल्ड टैक्स रिजीम
एक अप्रैल से इनकम टैक्स के कई रूल्स बदल गए हैं. न्यू टैक्स रिजीम में सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन, टैक्स स्लैब जैसे कई बदलाव कर दिए हैं जो 1 अप्रैल से लागू हो गए हैं. केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को पेश हुए बजट में 12 लाख 75 हजार तक की सैलरी को टैक्स फ्री कर दिया है. यदि धर्मेंद्र और इन जैसे दूसरे सैलरीड पर्सन न्यू टैक्स रिजीम को चुनते हैं तो मिनिमम 4 हजार 150 रुपये और मैक्सिमम 9 हजार 150 रुपये तक इनहैंड सैलरी बढ़ा सकते हैं. इनकम टैक्स की फुल कैलकुलेशन के लिए यहां क्लिक करें
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आपकी सैलरी पर अब कितना पैसा बढ़ेगा? देखें कैलकुलेशन
CTC | मंथली बढ़ने वाली सैलरी (लगभग में) | Tax | Tax बचत |
12 लाख रुपए तक | 6650 | 0 | 80,000 |
16 लाख | 4150 | 1.20 लाख | 50,000 |
20 लाख | 7500 | 2 लाख | 90,000 |
24 लाख | 9100 | 3 लाख | 1 लाख 10 हजार |
50 लाख | 9100 | 10.80 लाख | 1 लाख 10 हजार |
यानी धर्मेंद्र को अब हर महीने 6600 रुपए के करीब सैलरी में ज्यादा मिलेगा. यहां आपने देखा कि 12 लाख तक की सैलरी पर ही टैक्स 0 है. हालांकि 12 लाख 75 हजार तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. क्योंकि सैलरीड पर्सन के लिए 75,000 रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है.
CTC क्या है?
अब सैलरी, इनहैंड सैलरी, CTC की बात हो रही है तो समझिए ये सब क्या है. CTC का मतलब है Cost to Company. यानी वो पैसे जो कंपनी एक साल में अपने कर्मचारी पर खर्च करती है. इसमें बेसिक सैलरी, HRA, अलाउंस जैसी चीजें शामिल होती है. CTC में वो पैसे भी शामिल होते हैं जो कंपनी अपने हिस्से वाला EPF कर्मचारी के PF अकाउंट में जमा करती है. CTC कर्मचारी के वजन का पता चलता है. इनहैंड सैलरी वो है जिससे जेब के वजन का पता चलता है.
ग्रॉस सैलरी का क्या मतलब है?
ग्रॉस सैलरी का मतलब है सैलरी स्लिप का वो नंबर जिसमें कोई डिडक्शन नहीं होता.इनकम टैक्स, पीएफ, इंश्योरेंस प्रीमियम के डिडक्शन शामिल नहीं होते. टैक्स वो जो सरकार लेती है. पीएफ वो जो आपके भविष्य की प्लानिंग के लिए काटकर कंपनी ईपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट करती है. उस पर भी इंटरेस्ट मिलता है.
इनहैंड सैलरी की गणित समझिए
तीसरी कैटेगरी है इन हैंड सैलरी जिसे Net Salary कहिए या टेकहोम सैलरी. ये वो अमाउंट होता है जो पीएफ, इंश्योरेंस, इनकम टैक्स जैसे सारे डिडक्शन के बाद बैंक अकाउंट में डिपॉजिट होता है. यही असली कमाई है जो अकाउंट से जेब में आती है. इसी से घर के महीने भर के खर्चे चलाने होते हैं. तो ज्यादा लोड लेने की जरूरत है नहीं.