Employees Deposit Linked Insurance Scheme: EPFO बिना किसी प्रीमियम के देता है 7 लाख का बीमा, ऐसे करना होगा आवेदन
EPFO News: EPFO के तहत, कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा योजना, 1976 (EDLI) लागू की गई है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को जीवन बीमा कवर देती ती है. यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत आती है.
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EPFO News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े हर कर्मचारी को 7 लाख रुपए तक के लाइफ इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है. इस इंश्योरेंस के लिए जमा होने वाला मंथली प्रीमियम कर्मचारी को नहीं बल्कि नियोक्ता को देना होता है. EPFO के तहत, कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा योजना, 1976 (EDLI) लागू की गई है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को जीवन बीमा कवर प्रदान करती है. यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत आती है.
रमेश एक निजी कंपनी में काम करते हैं. रमेश की सैलरी से हर महीने पीएफ कटता है. रमेश को इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें EPFO लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा भी देता है और वो भी मुफ्त. मुफ्त इसलिए क्योंकि इसका प्रीमियम रमेश को नहीं बल्कि उनकी कंपनी अदा करती है. प्रीमियम भी एकदम नॉमिनल यानी अधिकतम अधिकतम ₹75 प्रति माह होता है. पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की इस सीरीज में आज हम EPFO से जुड़ी हर जानकारी देने की कड़ी में EDLI (LINKED INSURANCE SCHEME, 1976) के बारे में बताने जा रहे हैं.
EDLI योजना की मुख्य विशेषताएं
- बीमा कवर: यदि किसी सदस्य की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी को बीमा राशि प्रदान की जाती है.
- बीमा राशि: वर्तमान में, ये न्यूनतम 2.5 लाख और अधिकतम ₹7 लाख तक है, जो सदस्य की अंतिम 12 महीनों की औसत वेतन पर आधारित होती है.
- योग्यता: सभी EPF सदस्य खुद ही इस योजना के अंतर्गत आते हैं, इसके लिए कोई अलग से अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होती.
- अंशदान: इस योजना के लिए अंशदान केवल नियोक्ता द्वारा किया जाता है, जो कर्मचारी के मासिक वेतन (बेसिक) का 0.5% होता है.
- यह बीमा कवर अतिरिक्त है. किसी अन्य बीमा पॉलिसी को प्रभावित नहीं करता है.
- यह सभी संगठनों के लिए यह योजना अनिवार्य है, चाहे उनके पास निजी बीमा व्यवस्था हो या नहीं.
बीमा का प्रीमियम
- इसका प्रीमियम मंथली होता है जो कर्मचारी को नहीं बल्कि नियोक्ता को जमा करना होता है.
- नियोक्ता इस पैसे को कर्मचारी से किसी भी तरह (सैलरी से या कैश में ) नहीं ले सकता. ये दंडनीय अपराध होता है.
- नियोक्ता कर्मचारी के बेसिक सैलरी का 0.5% जो अधिकतम ₹75 प्रति माह होता है. यानी यहां भी अधिकतम 15000 रुपए बेसिक पर ही कैलकुलेशन होता है.
ऐसे होता है इसका कैलकुलेशन
- बीमा कवर की गणना इस फॉर्मूले के आधार पर होती है.
- अंतिम 12 महीनों की औसत मासिक सैलरी × 35 + बोनस ₹1,75,000
- EDLI योजना में अधिकतम ₹15,000 की मासिक सैलरी (बेसिक) पर बीमा कवर दिया जाता है.
- अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹15,000 या इससे अधिक है, तो भी EDLI कवर अधिकतम ₹7,00,000 होगा.
EDLI बीमा राशि का अधिकतम और न्यूनतम कैलकुलेशन
मासिक सैलरी (अंतिम 12 महीने की औसत) | बीमा कवर की गणना (Salary × 35 + Bonus) | कुल बीमा कवर (₹7 लाख की अधिकतम सीमा) |
₹15,000 | ₹15,000 × 35 + ₹1,75,000 = ₹7,00,000 | ₹7,00,000 |
₹10,000 | ₹10,000 × 35 + ₹1,75,000 = ₹5,25,000 | ₹5,25,000 |
₹5,000 | ₹5,000 × 35 + ₹1,75,000 = ₹3,50,000 | ₹3,50,000 |
बीमा की राशि के दावे की प्रक्रिया
- दावा प्रक्रिया: बीमा की राशि का दावा करने के लिए फॉर्म (फॉर्म 5IF) भरना होता है.
- दस्तावेज: संबंधित दस्तावेज जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, नामांकन प्रमाण पत्र वगैरह देना होता है.
- कहां करें दावा: दावा फॉर्म को संबंधित EPFO कार्यालय में जमा करना होता है.
निष्कर्ष: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और उनके परिवार का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इस योजना की पहल की है. इसके तहत कर्मचारियों को अधिकतम 7 लाख रुपए का बीमा कवर दिया जाता है. इसस पहले ये राशि 6 लाख थी जिसे सीबीटी ने 28.04.2024 से बढ़ाकर न्यूनतम 2.5 लाख रुपए और अधिकतम 7 लाख रुपये कर दिया है.
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