स्पेस में गए शुभांशु शुक्ला से पीएम मोदी ने की बात, अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए दी बधाई
Shubhanshu Shukla Space Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रच दिया है. वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचने वाले पहले भारतीय बने हैं. ऐसे में शुभांशु से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की और उन्हें बधाई दी है.
ADVERTISEMENT

Shubhanshu Shukla Space Mission: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. वह न केवल भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने हैं, बल्कि ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय भी हैं. AX-4 मिशन के तहत उनकी यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ती है. इस मिशन में उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री और ISS की स्थायी टीम शामिल है.
अंतरिक्ष से पृथ्वी का अनोखा नजारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक क्षण पर शुभांशु शुक्ला से विशेष बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि अंतरिक्ष की विशालता को देखकर उनके मन में पहला विचार क्या आया. शुभांशु ने बताया कि जब वह पहली बार ऑर्बिट में पहुंचे, तो पृथ्वी का दृश्य देखकर उनके मन में एकता का भाव जागा. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से पृथ्वी की कोई सीमा रेखाएं नहीं दिखाई देतीं. भारत को अंतरिक्ष से देखने पर वह नक्शे से कहीं अधिक विशाल और भव्य लगा.
"अंतरिक्ष में सोना एक बड़ी चुनौती"
शुभांशु ने पीएम मोदी के साथ बातचीत में जीरो ग्रेविटी के अनुभव को साझा किया. उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान उन्हें अपने पैर बांधने पड़े हैं. क्योंकि यहां जीरो ग्रेविटी है. अगर ऐसा नहीं करते तो यहां उड़ने लगते हैं. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में सोना एक बड़ी चुनौती है. पीएम मोदी के सवाल पर कि क्या मेडिटेशन का लाभ मिलता है? शुभांशु ने कहा कि माइंडफुलनेस और ध्यान अंतरिक्ष जैसे चुनौतीपूर्ण माहौल में बहुत मदद करते हैं. लॉन्च के दौरान तनावपूर्ण स्थिति में शांत दिमाग से बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं जो इस मिशन में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ.
यह भी पढ़ें...
भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा
शुभांशु ने इस मिशन को भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया और युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करें. उन्होंने कहा कि बच्चों का उज्ज्वल भविष्य देश के भविष्य को और मजबूत करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्रेरणा का मूल मंत्र है कि "आसमान कभी सीमा नहीं है." ISS पर तिरंगे को लगाने की बात करते हुए उन्होंने गर्व के साथ बताया कि यह उनके लिए भावुक क्षण था क्योंकि यह तिरंगा उन्होंने स्वयं वहां लगाया है.
AX-4 मिशन और वैज्ञानिक प्रयोग
AX-4 मिशन में शुभांशु के साथ अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के सावोस उजनान्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं. यह मिशन पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी पहला अवसर है. यह टीम 14 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेगी और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेगी. इन प्रयोगों में कैंसर अनुसंधान, डीएनए मरम्मत, और उन्नत निर्माण तकनीकों से जुड़े अध्ययन शामिल हैं, जो मानवता के लिए महत्वपूर्ण योगदान देंगे.