15 साल में 106 बच्चों के पिता बने टेलीग्राम के फाउंडर, अब सभी बच्चों में बांटेंगे ₹1.5 लाख करोड़ की संपत्ति!
Telegram Founder Children: टेलीग्राम के फाउंडर पावेल डुरोव ने एक हैरान करने वाला फैसला किया है. पावेल अपनी 1.5 लाख करोड़ की संपत्ति बच्चों में बांटने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसमें एक शर्त रखी है.
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Telegram Founder Children: टेलीग्राम के फाउंडर पावेल डुरोव एक बार फिर सुर्खियों में हैं. लेकिन इस बार वजह उनकी टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि निजी जिंदगी से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला खुलासा है.
अरबों की संपत्ति के मालिक डुरोव (Telegram Founder Pavel Durov) ने ऐलान किया है कि वे अपनी करीब ₹1.5 लाख करोड़ की दौलत 106 बच्चों में बांटेंगे. उनके ये बच्चे दुनिया के अलग अलग 12 देशों में मौजूद हैं. लेकिन उनकी वसीहत में एक शर्त भी है, जिससे ये मामला और भी दिलचस्प हो गया है.
कौन हैं पावेल डुरोव?
आपको बता दें कि पावेल डुरोव को रूस का एलन मस्क या मार्क ज़ुकरबर्ग कहा जाता है. 22 साल की उम्र में उन्होंने रूस का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म VKontakte बनाया. 2013 में उन्होंने टेलीग्राम लॉन्च किया जो आज दुनिया की सबसे सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स में से एक मानी जाती है.
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इसके 100 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. 2014 में रूस सरकार से टकराव के बाद उन्होंने देश छोड़ दिया. वर्तमान में पावेल डुरोव रूस, फ्रांस, यूएई और सेंट किट्स एंड नेविस सहित कई देशों की नागरिकता रखते हैं.
कैसे बने 106 बच्चों के पिता?
पावेल डुरोव ने बताया कि 15 साल पहले उनके एक दोस्त ने उन्हें स्पर्म डोनेट करने के लिए कहा क्योंकि उसकी पत्नी को कंसीव करने में समस्या थी. पहले तो उन्हें ये मजाक लगा था. लेकिन जब उन्होंने दान किया तो क्लिनिक ने उन्हें 'हाई क्वालिटी डोनर' बताया. इसके बाद उन्होंने 12 देशों में स्पर्म डोनेशन शुरू किया. आज उनकी गिनती 106 बच्चों तक पहुंच चुकी है.
तीन पार्टनर्स से 6 बच्चे
डुरोव के 106 बच्चों में से 6 बच्चे उनकी तीन अलग-अलग पार्टनर्स से हैं. बाकी सभी बच्चे पिछले डेढ़ दशक में दुनियाभर में उनके स्पर्म डोनेशन से जन्मे हैं. उन्होंने कहा कि उनके लिए सब बच्चे बराबर हैं. वे चाहे स्वाभाविक रूप से पैदा हुए हों या किसी प्रक्रिया से.
वसीयत में है बड़ा ट्विस्ट
डुरोव की वसीयत में सबसे खास बात यह है कि उनके बच्चे अगले 30 साल तक यानी 2055 तक उनकी संपत्ति को छू भी नहीं सकते. वह चाहते हैं कि उनके बच्चे खुद अपनी जिंदगी बनाएं. वे बैंक बैलेंस पर निर्भर न रहें और सामान्य जीवन जिएं.
कई ताकतवर देशों से है दुश्मनी
पावेल ने कहा कि इंटरनेट पर फ्रीडम के लिए लड़ाई के कारण उनकी कई ताकतवर देशों से दुश्मनी है. इस वजह से उन्होंने अभी से वसीयत तैयार की है ताकि उनके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके फिर चाहे भविष्य में कुछ भी हो.
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