Ali Khan Mahmudabad Post: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान की पोस्ट में ऐसा क्या है, जिसके लिए उन्हें किया गया गिरफ्तार

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Ali Khan Mahmudabad Post: ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के चलते अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी विवादों में आ गई है. अब इस कार्रवाई पर राजनीतिक विरोध भी सामने आने लगा है. सोशल मीडिया पोस्ट पर हुई इस कार्रवाई को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है.

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प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (तस्वीर: इंडिया टुडे)
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (ali khan ashoka university) की गिरफ्तारी पर विवाद हो गया है. अली खान पर भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ सोशल मीडिया (ali khan mahmudabad comment) पर गलत टिप्पणी करने का आरोप है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, उनपर यह कार्रवाई बीजेपी युवा मोर्चा के एक सदस्य की शिकायत के बाद की गई. वहीं, अब प्रोफेसर की गिरफ्तारी का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने कड़ा विरोध किया है और प्रोफेसर पर हुई इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.

ये है पूरा मामला

दरअसल, लल्लनटॉप की रिपोर्ट के मुताबिक, एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने 8 मई को फेसबुक पर एक पोस्ट (ali khan mahmudabad post) लिखी थी. इस पोस्ट में उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया था और उनकी आलोचना की थी. इस दौरान प्रोफेसर कहना था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान को भारत ने सख्त संदेश दिया है कि अब भारत किसी भी तरह की आंतकी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगा. अली खान ने युद्ध पर देश की आतंरिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए लिखा,

कुछ लोग बिना सोचे और समझे युद्ध की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी युद्ध नहीं देखा है. मॉक ड्रिल में भाग लेने से कोई सैनिक नहीं बनता. युद्ध बहुत ही भयानक होता है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का होता है और इसका फायदा सिर्फ राजनेताओं और डिफेंस कंपनियों को मिलता है. युद्ध कभी-कभी अनिवार्य हो जाता है, लेकिन ये भी सच है कि राजनीतिक समस्याओं का हल कभी सैन्य कार्रवाई से नहीं हुआ है.

इस दौरान अली खान ने आगे कर्नल सोफिया कुरैशी का जिक्र किया और लिखा, 

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बहुत से दक्षिणपंथी विचारकों ने कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ की, जो अच्छी बात है. लेकिन उनको उसी तरह उन लोगों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए जो भारत में मॉब लिंचिंग, बुलडोजर एक्शन और नफरत की राजनीति के शिकार हुए हैं. दो महिला सैनिकों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट पेश करना एक अच्छी बात है, लेकिन अगर जमीन पर हालात नहीं बदलते तो ये सब केवल दिखावा ही रहेगा.

अली खान ने AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बारे में लिखा,

जब एक प्रमुख मुस्लिम नेता ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ कहा तो पाकिस्तानियों ने उन्हें ट्रोल किया. इस पर भारतीय दक्षिणपंथी लोगों ने उनका बचाव ये कहकर किया कि ‘वो हमारे मुल्ला हैं.’ ये बात मजाक लग सकती है, लेकिन ये दिखाता है कि सांप्रदायिकता कितनी गहराई तक भारतीय राजनीति में घुस चुकी है.

 

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने अपनी इस पोस्ट के अंत में ऑपरेशन सिंदूर के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बीफ्रिंग की थी. उन्होंने लिखा, 

मेरे लिए ये प्रेस कॉन्फ्रेंस एक क्षणिक झलक थी, शायद एक भ्रम और संकेत. एक ऐसे भारत की जो उस तर्क को चुनौती देता है जिसके आधार पर पाकिस्तान बनाया गया था. सरकार मुसलमानों की जो स्थिति दिखाने की कोशिश कर रही है, वो जमीनी हकीकत से अलग है. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये भी पता चलता है कि भारत अपनी विविधता को लेकर एकजुट है और एक विचार के रूप में पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.

महिला आयोग ने जारी किया नोटिस

उसके इस पोस्ट के बाद 12 मई को हरियाणा राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को नोटिस जारी कर दिया. इसमें आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने कहा, 

हम देश की बेटियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सलाम करते हैं. लेकिन राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने उनके लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है... मुझे उम्मीद थी कि वह कम से कम आयोग के सामने पेश होंगे और खेद व्यक्त करेंगे.

इस नोटिस में आयोग ने प्रोफेसर को 14 मई के दिन में आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वो नहीं पहुंचे. उपस्थित न होने को लेकर उन्होंने ईमेल कर बताया कि उन्हें इसकी सूचना देर से मिली, इसलिए वे उपस्थित नहीं हो सके. 

नोटिस के बाद प्रोफेसर ने क्या कहा?

इसके बाद में, एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा था कि उनकी टिप्पणी को गलत समझा गया है. उन्होंने कहा कि उनकी ये पोस्ट ऑपरेशन सिंदूर और उसमें जो महिला अधिकारी शामिल हैं, ये उनके खिलाफ नहीं थी. खान ने कहा, 

“मैं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की विविधता के प्रतिनिधित्व की सराहना करता हूं. मेरी टिप्पणी में महिलाओं के प्रति कोई द्वेष नहीं था.”

My statement re the summons that I received from the Haryana State Women’s Commission.

The posts that were misunderstood and objected to can be accessed on my Facebook page. pic.twitter.com/U4rZrAXhFx

AIMIM के किया गिरफ्तारी का विरोध

वहीं अब इस मामले में AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 

यह पूरी तरह से निंदनीय है. यदि यह सच है तो हरियाणा पुलिस ने कथित रूप से दिल्ली से उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन किया है. यह किसी व्यक्ति को उसकी राय के लिए निशाना बनाने जैसा है. उनकी पोस्ट ना तो राष्ट्रविरोधी थी और ना ही महिला विरोधी. सिर्फ एक बीजेपी कार्यकर्ता की शिकायत पर हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई की.

(फोटो: X/@asadowaisi)

अशोका यूनिवर्सिटी का बयान

एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को लेकर अशोका यूनिवर्सिटी ने भी बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि 

“हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है."

यूनिवर्सिटी ने आगे कहा, "हम इस मामले की जानकारी जुटा रहे हैं और जांच के दौरान पुलिस व स्थानीय प्रशासन का सहयोग करेंगे.”

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