ED की छापेमारी में गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह गिरफ्तार, विपक्ष ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

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ED Arrested Bahubali Shah: ईडी ने गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिया, छापेमारी और गिरफ्तारी ने राजनीतिक बवाल खड़ा किया.

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ED Arrested Bahubali Shah: गुजरात का प्रमुख अखबार गुजरात समाचार और इसके मालिक बाहुबली शाह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 73 वर्षीय बाहुबली शाह को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिया है. इस कार्रवाई से पहले इनकम टैक्स विभाग और ईडी ने अखबार के दफ्तरों और शाह परिवार से जुड़े ठिकानों पर 36 घंटे तक छापेमारी की. यह घटना राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई है, जिसमें विपक्षी दल बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. 

93 साल पुराना अखबार

1932 से प्रकाशित हो रहा गुजरात समाचार न केवल गुजरात, बल्कि देश के सबसे बड़े और सम्मानित अखबारों में शुमार है. लोक प्रकाशन लिमिटेड इस अखबार को संचालित करता है, जबकि शाह परिवार की कंपनी गुजरात समाचार लिमिटेड GSTV न्यूज चैनल चलाती है. बाहुबली शाह लोक प्रकाशन के डायरेक्टर हैं, और उनके बड़े भाई श्रेयांश शाह अखबार के प्रबंध संपादक. शाह परिवार के पास करीब 15 अन्य व्यवसाय भी हैं. गुजरात समाचार अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता और सत्ता से सवाल पूछने के लिए जाना जाता है, जिसके चलते यह अक्सर चर्चा में रहता है.

ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई

14 मई 2025 को इनकम टैक्स विभाग ने गुजरात समाचार, GSTV के दफ्तरों और शाह परिवार से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी शुरू की. इसके बाद 15 मई को ईडी ने अहमदाबाद में अखबार, चैनल और शाह परिवार से जुड़े 24 ठिकानों पर तलाशी ली. 36 घंटे की इस कार्रवाई के बाद बाहुबली शाह को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिया गया. गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिवार का दावा है कि बाहुबली शाह हृदय रोगी हैं.

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क्या हैं आरोप?

ईडी ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, श्रेयांश शाह ने दावा किया कि यह कार्रवाई 20 साल पुराने कुछ वित्तीय लेनदेन को लेकर की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि एजेंसियां उनसे "कुछ बातें कबूल करने" का दबाव बना रही हैं, लेकिन इसकी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि बाहुबली शाह की गिरफ्तारी 2016 के एक आईपीओ में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है.

राजनीतिक बदले का आरोप

गुजरात समाचार की सत्ता और बीजेपी से सवाल पूछने वाली पत्रकारिता के चलते इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले से जोड़ा जा रहा है. श्रेयांश शाह ने कहा कि उनके भाई की गिरफ्तारी बिना नोटिस के की गई और यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने आरोप लगाया कि पिछले 25 साल से अखबार ने मोदी और शाह की नीतियों की आलोचना की है, और यह कार्रवाई उसी का बदला है.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “जो भी इस सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे जेल जाना पड़ता है.” आप नेता अरविंद केजरीवाल ने इसे बीजेपी की बौखलाहट करार देते हुए कहा कि यह कार्रवाई उन आवाजों को चुप करने की कोशिश है जो सच बोलती हैं.

 

 

सोशल मीडिया पर हंगामा

सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. कई यूजर्स और विपक्षी नेता इसे प्रेस की आजादी पर हमला बता रहे हैं. खास बात यह है कि 9 मई को गुजरात समाचार का X हैंडल ब्लॉक कर दिया गया था, जिसे विपक्ष ने सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया. सोशल मीडिया पर लोग इस कार्रवाई को पत्रकारिता के गला घोंटने की कोशिश बता रहे हैं.

गुजरात में पत्रकारों पर दूसरा बड़ा एक्शन

यह पहला मौका नहीं है जब गुजरात में पत्रकारों पर कार्रवाई हुई हो. कुछ महीने पहले द हिंदू के ब्यूरो चीफ महेश लांगा को भी ईडी ने जीएसटी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था. इन घटनाओं ने गुजरात में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

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