जिपलाइन पर झूलते 'ऋषि भट्ट' ने नीचे क्या देखा था? पहलगाम अटैक की आंखों देखी घटना से सब पता चला
Rishi Bhatt on Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले का एक नया वीडियो सामने आया है, जो रोंगटे खड़े कर देने वाला है. यह वीडियो ऋषि भट्ट नाम के एक शख्स के फोन में रिकॉर्ड हुआ. अब ऋषि भट्ट ने पहलगाम अटैक को लेकर बातचीत की है. उन्होंने उस दिन अपनी आंखों से क्या देखा उस बारे मे सबकुछ बताया.
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Rishi Bhatt on Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले का एक नया वीडियो सामने आया है, जो रोंगटे खड़े कर देने वाला है. यह वीडियो ऋषि भट्ट (Rishi Bhatt) नाम के एक शख्स के फोन में रिकॉर्ड हुआ. उस वक्त ऋषि घटनास्थल पर बनी जिपलाइन का मजा ले रहे थे.
वीडियो में दिखता है कि ऋषि हवा में झूल रहे हैं और ठीक उनके नीचे आतंकी गोलियां बरसा रहे हैं. डर के मारे पर्यटक अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. भागते हुए एक शख्स को गोली लगती है और वह वहीं गिर जाता है.
स्थिति भांप नहीं पाए थे ऋषि भट्ट
सागर पटोलिया नाम के एक व्यक्ति ने X पर बताया कि ऋषि भट्ट अहमदाबाद के रहने वाले हैं. जिप वे के जरिए एक तरफ से दूसरी तरफ जाते समय उन्होंने यह वीडियो बनाया. ऊंचाई पर होने के कारण उनके कैमरे में नीचे जमीन पर हो रही भगदड़ भी कैद हो गई.
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शुरुआती गोलीबारी की आवाज सुनकर ऋषि को लगा नहीं था कि यह कोई आतंकी हमला है. उनका ध्यान वीडियो बनाने और ज़िपलाइन का आनंद लेने में था, इसलिए वीडियो बनाते समय वह हंस रहे थे. वीडियो में जमीन पर दिख रहे हालात से यह साफ होता है कि कई पर्यटकों को भी शुरुआत में इस गोलीबारी को आतंकी हमला नहीं समझा था, इसलिए वे खेलते-कूदते और वादी का आनंद लेते दिख रहे हैं.
लेकिन जैसे ही ऋषि नीचे आने लगते हैं, उन्हें कुछ अजीब दिखाई देता है. वीडियो के आखिर में उनके चेहरे के भाव बताते हैं कि तब उन्हें आतंकी हमले का अंदाजा हो गया था.
ऋषि ने आंखों देखी घटना के बारे में क्या बताया
ऋषि ने बताया, "मेरा लड़का और मेरी पत्नी नीचे पहुंच चुके थे और मैं ज़िपलाइन में था तभी पहली गोली चली. करीब 20 सेकंड बाद मुझे पता चला कि नीचे गोली चल रही है और लोग मर रहे हैं. मेरी पत्नी के सामने दो लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी. इसके बाद हम लोग ज़िपलाइन से नीचे कूदकर भाग गए. कुछ देर छिपने के बाद जब गोलियों की आवाज कम हुई तब हम लोग वहां से निकले."
ऋषि के अनुसार, मैदान में दो लोग थे जो लोगों पर गोलियां चला रहे थे. कुछ आतंकी झाड़ियों में भी छिपे हुए थे. उन्होंने बताया कि इस हमले में 5 से 6 आतंकी शामिल थे.
सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बारे में ऋषि ने क्या बताया
पहलगाम हमले के बाद यह सवाल उठ रहा था कि हमले के समय सुरक्षाबल कहां थे? इस पर ऋषि ने बताया कि हमले के दौरान सेना भले ही वहां मौजूद नहीं थी, लेकिन पुलिसकर्मी वहां थे. उन्होंने यह भी बताया कि हमले के 20 मिनट बाद सेना ने सभी पर्यटकों को सुरक्षित कर लिया था.
इसके अलावा ऋषि ने जिपलाइन चलाने वाले पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि उनके जिपलाइन पर जाने से पहले जिपलाइनर ने ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहा था, जबकि पहले किसी की बारी में ऐसा कुछ नहीं कहा गया था.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस और NIA ने जिपलाइनर से पूछताछ की है. उसका कहना है कि उससे पहले भी सवाल-जवाब किए जा चुके हैं, लेकिन उसे दोबारा बुलाया जा रहा है.
22 अप्रैल को पहलगाम अटैक में 26 मौतें
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था. उन्होंने सिर्फ पुरुषों को गोली मारी थी. हमले के चश्मदीद परिवारों का कहना है कि आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया था. इस दौरान कश्मीर के रहने वाले सयैद हुसैन ने आतंकियों का सामना किया और लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने उन्हें भी गोली मार दी.
इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और खराब हो गए हैं. भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का ऐलान किया है. इसके अलावा अटारी बॉर्डर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. साथ ही पाकिस्तान से छोटी अवधि के लिए भारत आए सभी लोगों को वापस जाने का आदेश दे दिया गया है. जवाब में पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र में भारतीय विमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
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