मध्य प्रदेश के एक किसान की सालाना कमाई 3 रुपए? इनकम सर्टिफिकेट वायरल होने पर अफसर ने बताई पूरी बात

न्यूज तक

MP farmer income certificate: मध्य प्रदेश के किसान का 3 रुपए सालाना इनकम सर्टिफिकेट वायरल, अफसर ने बताई लिपिकीय गलती, नया प्रमाण पत्र जारी कर हुआ सुधार.

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मध्य प्रदेश के किसान रामस्वरूप का 3 रुपए सालाना इनकम सर्टिफिकेट वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ 3 रुपए के सालान आय का सर्टिफिकेट
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MP farmer income certificate: सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोगिता के इस युग में आए दिन आपको कुछ ना कुछ अतरंगी देखने को मिल ही जाता है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश से भी एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जो कि आपको सोचने पर मजबूर कर सकता है. आप एक आम आदमी की न्यूनतम कमाई जितना सोच सकेंगे उससे भी कम कमाई का एक इनकम सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसे लेकर कई यूजर्स सवाल खड़ा कर रहें है और कई अतरंगी कमेंट्स भी कर रहे है.

दरअसल मध्य प्रदेश के एक किसान की सालाना आय 3 रुपए दिखाने वाला इनकम सर्टिफिकेट ने बीते दिनों से सोशल मीडिया पर गर्म कर रखा है. इंटरनेट पर लोग इस किसान को भारत का सबसे गरीब व्यक्ति का नाम भी दे दिया. हालांकि अधिकारियों ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए अपनी भूल मान ली है. आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी?

3 रुपए सालान आय वाला सर्टिफिकेट

दरअसल यह पूरा मामला सतना जिले की कोठी तहसील के नयागांव का है. यह रह रहें एक किसान रामस्वरूप(45) का आय प्रमाण पत्र बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर छाया रहा. इस सर्टिफिकेट में साफतौर पर लिखा गया था कि "प्रमाणित किया जाता है कि श्री/श्रीमती/कु. रामस्वरूप पिता/पति श्याम लाल निवासी नायगाव तहसील कोठी जिला सतना (मध्यप्रदेश) की के परिवार की समस्त स्त्रोतों की वार्षिक आय रुपये 3 (शब्दों में तीन रूपये मात्र) है. 

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इस आय प्रमाण पत्र पर तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर भी थे और यह 22 जुलाई को जारी किया गया था. इस पत्र को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर करते हुए देश का सबसे गरीब व्यक्ति करार दिया गया क्योंकि इस प्रमाण पत्र के मुताबिक रामस्वरूप महीने के मात्र 25 पैसे कमाते थे.

अफसर ने मानी गलती

जब सोशल मीडिया पर इस पत्र ने बवाल मचाया तो आला अधिकारी तुरंत हरकत में आए. 25 जुलाई तक नया प्रमाण पत्र जारी किया गया जिसमें की रामस्वरूप की वार्षिक आय 3 की जगह 30,000 रुपए कर दी गई यानी कि 2500 रुपए महीना. तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा, "यह एक लिपिकीय त्रुटि थी, जिसे सुधार लिया गया है. नया आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है."

कांग्रेस ने कसा तंज

मध्य प्रदेश कांगेस ने इस मामले पर पलटवार करते हुए 22 जुलाई का प्रमाण पत्र X पर शेयर किया. फोटो के साथ कांग्रेस ने लिखा कि, "मोहन राज में ही मिला भारत का सबसे गरीब आदमी! सतना जिले में एक आय प्रमाण पत्र जारी हुआ! सालाना आमदनी केवल 03.00 रुपए बताई गई है!"

आगे कांग्रेस के पोस्ट में लिखा था कि, है ना चौंकाने वाली बात!जनता को गरीब बनाने का मिशन? क्योंकि, अब कुर्सी ही खा रही कमीशन!

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