छत्तीसगढ़ में मानसून आने के बाद भी राहत नहीं, आज उत्तर-मध्य के कुछ हिस्सों के लिए आंधी-बारिश और बिजली का अलर्ट
Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में मानसून के आगमन के बावजूद बारिश की भारी कमी देखी जा रही है. राज्य के 27 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है, जिससे खरीफ फसलों पर खतरा मंडरा रहा है.
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Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में बदलते मौसम के पैटर्न से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कभी बारिश तो कभी धूप ने इनके जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. पिछले 16 दिन से मानसून आने के बावजूद राज्य के आधे से ज्यादा जिले सूखे की चपेट में हैं, और औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है. मौसम विभाग ने आज यानी 10 जून 2025 को भी 'नो रेन डे' का ऐलान किया है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.
बारिश की कमी से खरीफ फसलों पर खतरा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो खरीफ फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है. जून में अब तक 33 में से 27 जिले (लगभग 82%) में बारिश सामान्य से कम रही है, और पूरे राज्य में 51% बारिश की कमी दर्ज की गई है. सिर्फ 6 जिलों में बारिश सामान्य या उससे ज्यादा हुई है. मौसम विभाग की मानें, तो आज सिर्फ एक-दो जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन राहत अभी दूर है.
आज का मौसम: अलर्ट और तापमान
आज उत्तर छत्तीसगढ़ के 3, मध्य छत्तीसगढ़ के 6 और बस्तर संभाग सहित 15 जिलों में बिजली गिरने का यलो अलर्ट है. कुछ जगहों पर मेघ गर्जना के साथ हवा 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. राजधानी रायपुर में बादल छाए रहेंगे, जहां अधिकतम तापमान 42°C और न्यूनतम 29°C रहने का अनुमान है. सोमवार को बिलासपुर 41°C तापमान के साथ सबसे गर्म रहा, और अगले 24 घंटे में तापमान में खास बदलाव की उम्मीद नहीं है.
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मानसून की सुस्त रफ्तार
पिछले सात दिन में बारिश की रफ्तार कमजोर रही. 1 जून को 33 जगहों पर बारिश हुई, लेकिन इसके बाद हालात बदल गए. 4-5 जून को कहीं भी बारिश नहीं हुई. 6 जून को 5 जिलों में और 8 जून को 4 जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई. वहीं 9 जून को सिर्फ बस्तर के दो जगहों पर बारिश हुई. मौसम विभाग कहता है कि जून के पहले 10-12 दिन गर्मी बढ़ती है, और बाद में बंगाल की खाड़ी या अरब सागर के चक्रवात मानसून को सक्रिय करते हैं. इस बार भी 11 जून से गरज-चमक के साथ बारिश की उम्मीद है.
जून का ट्रेंड और भविष्य
जून का मौसम हमेशा से ऐसा ही रहा है, जहां शुरूआती दिन सूखे रहते हैं और बाद में बारिश शुरू होती है. लेकिन इस बार 51% कम बारिश ने चिंता बढ़ा दी है. मौसम विभाग को उम्मीद है कि अगले कुछ दिन में मानसून रफ्तार पकड़ सकता है, लेकिन अभी तक की स्थिति किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है.