Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में मानसून के बाद भी लोग परेशान, 40-50km/h की हवाएं, इन 4 जिलों के लिए अलर्ट जारी
Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में मानसून की रफ्तार थमने से गर्मी और उमस बनी हुई है. बस्तर के 4 जिलों में बारिश और अंधड़ का येलो अलर्ट, तेज हवाएं और बिजली गिरने की चेतावनी.
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Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में गर्मी और उमस का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. आज यानी 7 जून को भी प्रदेश के ज्यादातर जिले सूखे रहेंगे, हालांकि कुछ जगहों पर हल्की बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने बस्तर संभाग के चार जिलों में बारिश और अंधड़ का येलो अलर्ट जारी किया है, लेकिन बाकी इलाकों में पारा चढ़ने से लोगों को राहत की उम्मीद कम है. मानसून की रफ्तार थमने से तापमान में 1 से 2 डिग्री की बढ़ोतरी भी देखी गई है.
पारा 1-2 डिग्री बढ़ा
मौसम विभाग के मुताबिक, 7 जून को छत्तीसगढ़ के 29 जिलों में बारिश की संभावना नहीं है. बीते कुछ दिनों से बारिश न होने की वजह से तापमान में 1 से 2 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं पारा 38.2°C तक पहुंच गया. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 2-3 दिनों तक बारिश की संभावना कम है, जिससे गर्मी और उमस लोगों को परेशान कर सकती है.
बस्तर के 4 जिलों में बारिश और अंधड़ का अलर्ट
बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा में 7 जून को हल्की बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने इन चार जिलों के लिए थंडरस्टॉर्म का येलो अलर्ट जारी किया है. यहां गरज-चमक के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने की भी आशंका है. बाकी जिलों में मौसम सामान्य रहने की संभावना है.
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मानसून की रफ्तार थमी
छत्तीसगढ़ में मानसून की रफ्तार पिछले पांच दिनों से रुकी हुई है. यह नारायणपुर और कोंडागांव से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. मौसम वैज्ञानिक डॉ. गायत्री वीणा ने बताया,
"सिनोप्टिक सिस्टम में बदलाव के कारण मानसून कमजोर पड़ गया है. रायपुर में अभी मानसून आने में समय लगेगा."
बीते सप्ताह बारिश की रफ्तार में भी कमी आई है. 28 मई को जहां 74 जगहों पर बारिश हुई थी, वहीं 4 और 5 जून को कहीं भी 10 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज नहीं हुई.
मई में हुई थी ज्यादा बारिश
इस साल मई में छत्तीसगढ़ में सामान्य से 360% ज्यादा बारिश हुई थी. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नम हवाओं ने 31 में से 24 दिन बारिश कराई, लेकिन अब ये सिस्टम कमजोर पड़ गए हैं. इस वजह से मानसून को आगे बढ़ाने वाली परिस्थितियां कमजोर हो गई हैं, जिसका असर बारिश और तापमान पर दिख रहा है.
मानसून की अवधि हो सकती है लंबी
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो सामान्य तारीख 1 जून से 8 दिन पहले था. अगर यह 15 अक्टूबर को सामान्य समय पर लौटता है, तो मानसून की अवधि 145 दिन की होगी. मानसून ब्रेक की स्थिति न हो तो यह लंबी अवधि बारिश का फायदा दे सकती है.