मनेर विधायक भाई वीरेंद्र को समर्थकों ने भेंट किया जूता, बोले-...पदाधिकारी जिनके कारण काम नहीं होता है उनको सम्मानित कीजिएगा
Bhai Virendra Controversy: समर्थकों से जूता के बारे में पूछने पर कहा कि यह दस नंबर का बाटा कंपना का ब्रांडेड जूता है. दस नंबर के जूते से ही भ्रष्ट अधिकारी सुधरेंगे क्योंकि वो कानून की बात तो मानते ही नहीं है.
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Bhai Virendra Controversy: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी सत्र पूरी तरह से हल्ला-हंगामों से भरा रहा. इसी सत्र के दौरान एक नाम जो सुर्खियों में रही वो है भाई वीरेंद्र का. भाई वीरेंद्र का 'सदन किसी के बाप का नहीं' वाले बयान का मामला अभी ठंडा पड़ा ही नहीं था कि एक पंचायत सचिव के धमकाने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पंचायत सचिव को मनेर विधायक भाई वीरेंद्र ने जूता से मारने की बात कही थी जिसके बाद सचिव संदीप कुमार ने SC-ST थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था.
यह मामला भी अभी थमा नहीं था कि भाई वीरेंद्र के समर्थकों ने उन्हें एक जूता भेंट किया है. साथ ही समर्थकों ने यह भी बताया कि एक ही नहीं 500 जोड़ी जूता विधायक जी को दिया जाएगा. सीतामढ़ी से और भी लोग जूता लेकर आ रहे है. भाई वीरेंद्र से इस मामले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समर्थकों ने जूता भेंट करते हुए कहा कि जिन पदाधिकारियों के कारण काम नहीं हो पा रहा है उनको सम्मानित कीजिए. आइए विस्तार से समझते है इस पूरी कहानी को.
क्या है जूता विवाद की कहानी?
दरअसल 28 जुलाई के आसपास सोशल मीडया पर एक ऑडियो जमकर वायरल हुआ. इस वायरल हो रहे ऑडियो में मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने बलुआ पंचायत के सचिव संदीप कुमार को एक व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर फोन किया था.
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फोन पर जब सचिव ने फोन पर सामने वाले व्यक्ति को नहीं पहचाना तो विधायक ने कहा, भाई वीरेंद्र को नहीं पहचानता है...जूता से मारेंगे. इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई. फिर पंचायत सचिव ने विधायक को हड़काते हुए कहा कि जो करना होगा कर लीजिएगा यहां कोई डरने वाला नहीं है.
सीधा बतियाइएगा सीधा बतिआएंगे, टेढ़ी बतियाइएगा तो हम भी टेढ़ी बतियाएंगे. फिर तमतमाए विधायक जी ने कहा कि अगर तुम विधायक को नहीं जानते तो मनेर में रहने का अधिकार नहीं है. इसपर सचिव ने कहा धमकी मत दीजिए, करा दीजिए ट्रांसफर. बाद में सचिव ने विधायक जी के खिलाफ SC-ST थाने में एफआईआर दर्ज कराया था.
समर्थकों ने भाई वीरेंद्र को भेंट किया जूता
फिलहाल यह मामला ठंडा ही नहीं हुआ था कि अब विधायक भाई वीरेंद्र के समर्थकों ने उन्हें जूता भेंट किया है. जब भाई वीरेंद्र से इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने जो कुछ कहा उसके बाद हमारे लोगों ने हमें जूता भेंट किया है कि आप अपने पास रखिए. साथ ही यह भी कहा है कि आज जो पूरे बिहार में खराब स्थिति है और किसी का काम नहीं हो रहा है. फिर भी लोग नहीं बोल पा रहे हैं इसीलिए जनता ने हमें यह जूता भेंट किया है और कहा है क्या आप रखिए और वैसे पदाधिकारी जिनके कारण काम नहीं होता है उनको सम्मानित कीजिएगा.
भाई वीरेंद्र ने यह भी कहा कि यह एक मैसेज दिया जा रहा है और कोई बात नहीं है. मैं जनता के लिए के हित में काम करता हूं और आगे भी मैं करता रहूंगा. चपरासी से लेकर डीएम तक को मैं फोन हमेशा करता रहूंगा. मैं सही बात बोलता हूं इसलिए सरकार हमें टारगेट की हुई है लेकिन भाई वीरेंद्र डरने वाला ही नहीं है. मनेर क्षेत्र की जनता, पूरे बिहार की जनता हमारे साथ है. मनेर की जनता ने कहा है कि आपने बहुत अच्छा काम किया है.
समर्थकों ने कही ये बात
समर्थकों से जूता के बारे में पूछने पर कहा कि यह दस नंबर का बाटा कंपना का ब्रांडेड जूता है. दस नंबर के जूते से ही भ्रष्ट अधिकारी सुधरेंगे क्योंकि वो कानून की बात तो मानते ही नहीं है. अगर नियम-कायदे-कानून की भाषा समझते तो किसी भी जन प्रतिनिधि का कोई शौक नहीं होता है कि जूता की बात करें. विधायक जी से प्रेरित होकर हम सीतामढ़ी से चलकर यहां आए है. नीतीश सरकार में जूता ही हथियार है और एक दम हर अधिकारी का जूता से ही स्वागत होने की जरूरत है.
साथ ही यह एक जोड़ी जूता ही नहीं बल्कि 500 जोड़ी जूता के साथ कल-परसों में और भी समर्थक यहां पहुंच रहे है. ये जूता एक संदेश है उन लोगों के लिए जो जनता का काम नहीं करते हैं.