बिहार चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन का बड़ा फैसला, 17 पार्टियों को किया साइड लाइन
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, 17 राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने से रोका गया. जानें कौन से दल हुए बाहर और क्यों.
ADVERTISEMENT

Bihar Election 2025: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है. अभी तक चुनाव की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन ऐसी आशंका लगाई जा रही है कि अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव हो जाएंगे. इसी बीच हर एक राजनीतिक दल अपना-अपना वोट बैंक साधने की प्रक्रिया में लगी हुई है. लेकिन इसी बीच चुनाव के एक फैसले से पूरे बिहार में हलचल तेज हो गई है.
इलेक्शन कमीशन ने 17 राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने से रोक दिया है. इस खबर के आते ही बिहार की सियासत एकदम से गरमा गई है. आइए विस्तार से जानतें है निर्वाचन आयोग ने क्यों लिया यह फैसला?
क्यों लिया गया यह फैसला?
विधानसभा चुनाव से पहले 17 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को चुनाव लड़ने से रोक दिया है. निर्वाचन आयोग द्वारा किए जांच में यह सामने आया है कि यह राजनीतिक पार्टी पिछले छह सालों से किसी भी चुनाव(विधानसभा या लोकसभा) में शामिल नहीं हुए हैं और ना ही इन पार्टियों की कोई स्थायी कार्यालय भी मौजूद है.
यह भी पढ़ें...
निर्वाचन आयोग ने इन 17 दलों को गैर-सूचीबद्ध की श्रेणी में रख दिया. अब भविष्य में यह दल कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस प्रक्रिया की वजह से अब चुनाव में और पारदर्शिता रहेंगी.
ये 17 दल हुए साइड लाइन
बिहार में साइड लाइन हुए दलों में भारतीय बैकवर्ड पार्टी, राष्ट्रवादी जन कांग्रेस, लोकतांत्रिक समता दल, गांधी प्रकाश पार्टी, क्रांतिकारी विकास दल, हमदर्दी जनरक्षक समाजवादी विकास पार्टी, जैसे नाम शामिल हैं. हालांकि आयोग द्वारा इन दलों को अपनी बात रखने का मौका भी दिया है.
ये भी पढ़ें: नीतीश या तेजस्वी? बिहार में किसका पलड़ा है भारी, एक्सपर्ट ने बताई गजब बात!
सुविधाओं का हो रहा था गलत इस्तेमाल
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, साइड लाइन किए गए यह सभी दल लंबे समय से एक्टिव नहीं थे यानी चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे थे. लेकिन रजिस्ट्रेशन होने के कारण इन दलों को सुविधाएं मिल रही थी. ये पंजीकरण का फायदा उठाकर आयकर अधिनियम के मुताबिक टैक्स छूट के साथ-साथ चुनाव के दौरान प्रचार सामाग्री, गाड़ियां और अन्य संसाधन ने नाम पर भी फायदा उठा रहे थे.
देशभर से हो रही सफाई
चुनाव को और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग यह अभियान चला रहा है. इसके तहत देशभर से 2,800 से अधिक RUPP की सूची बनाई गई है. पहले चरण में 345 दलों की छंटनी हुई है. इसी प्रक्रिया के तहत उत्तर प्रदेश के 86 दलों को भी नोटिस भेजा गया और आगे की विधिवत कार्रवाई शुरू हो गई है.
फैसले लेने के पीछे का मुख्य कारण
इस पूरी प्रक्रिया पर एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, यह दल चुनाव में खुद मैदान में नहीं उतरते लेकिन अप्रत्याशित रूप में दूसरों को लाभ पहुंचाने का काम करते है. साथ ही इस प्रकार के दल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए निर्वाचन आयोग से यह सख्त कदम उठाया है.
यह खबर भी पढ़ें: Bihar: सुपर 30 वाले आनंद कुमार के भाई प्रणव कुमार RJD में शामिल, इस सीट से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव