उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री सख्त, पेयजल निगम हल्द्वानी के इंजीनियर के खिलाफ लिया एक्शन

न्यूज तक

Uttarakhand corruption case: उत्तराखंड में पेयजल निगम के इंजीनियर सुजीत कुमार पर 10 लाख की रिश्वत लेने का आरोप, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई.

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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी. (फाइल फोटो)
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उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की सरकार अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर मजबूती से काम कर रही है. मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर इन मामलों में निरंतर कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में उत्तराखंड पेयजल निगम, हल्द्वानी के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार विकास को कर्मचारी आचरण नियमावली को नहीं मानने और उल्लंघन के आरोप के कारण निलंबित कर दिया गया है. इस कार्रवाई के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार बर्दाशत नहीं की जाएगी.

सुजीत कुमार पर लगे गंभीर आरोप

उत्तराखंड पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेश बगोली से मिली जानकारी के मुताबिक सुजीत कुमार विकास, जो प्रभारी मुख्य अभियंता (कुमाऊं) और मूल पद पर अधीक्षण अभियंता के रूप में हल्द्वानी में तैनात थे, उनके खिलाफ संजय कुमार पुत्र चन्द्रपाल सिंह ने शिकायती पत्र दायर किया था.

शिकायत पत्र में संजय ने आरोप लगाया कि साल 2022 में सुजीत कुमार ने उनकी फर्म मेसर्स हर्ष इंटरप्राइजेज को उत्तराखंड पेयजल निगम में पंजीकरण कराने और विभाग में काम दिलाने का आश्वासन दिया था. इसके बदले सुजीत ने संजय से 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की.

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संजय ने अपनी प्रोप्राइटरशिप फर्म मेसर्स हर्ष इंटरप्राइजेज के बैंक ऑफ बड़ौदा, फायर स्टेशन के पास, बाजपुर रोड, काशीपुर के खाता संख्या 53930200001457 से मेसर्स कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज के कोटक महिंद्रा बैंक खाते में पांच किस्तों में रिश्वत के कुल 10 लाख रुपये ट्रांसफर किएय. यह ट्रांसफर 6 जुलाई 2022, 7 जुलाई 2022 (दो बार), और 8 जून 2022 को 2-2 लाख रुपये की किस्तों में किए गए. शिकायत मिलने के बाद जांच में यह सामने आया कि मेसर्स कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज नाम की फर्म की पार्टनर सुजीत कुमार की पत्नी रंजु कुमारी हैं.

कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन

शिकायत की जांच होने के बाद उत्तराखंड पेयजल निगम के अध्यक्ष ने अपने कार्यालय ज्ञापन में स्पष्ट किया कि सुजीत कुमार के खिलाफ लगे आरोप सही और अति गंभीर हैं. विभाग की स्तर पर की कार्रवाई में यह भी सामने आया है कि मेसर्स कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज, जिसमें सुजीत की पत्नी साझेदार हैं, को संजय से पैसे ट्रांसफर किए गए.

हालांकि सुजीत को इन आरोपों पर स्पष्टीकरण और अपनी बात रखन के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई थी, लेकिन सुजीत ने कोई जवाब नहीं दिया. यह उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी आचरण नियमावली का पूर्ण तरीके से उल्लंघन है.

तत्काल कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश

उत्तराखंड पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेश बगोली ने इस मामले में कहा कि सुजीत कुमार का प्रभारी मुख्य अभियंता (कुमाऊं) के पद पर बने रहना विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों पर गलत प्रभाव डाल सकता है.

इसलिए, उत्तराखंड पेयजल निगम कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के प्रावधानों के हिसाब से सुजीत कुमार विकास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. जब तक वो सस्पेंड है वे रुड़की स्थित कार्यालय महाप्रबंधक (प्रशिक्षण), मानव संसाधन प्रकोष्ठ, उत्तराखंड पेयजल निगम में संबद्ध रहेंगे.

धामी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम

मुख्यमंत्री धामी ने बार-बार दोहराया है कि भ्रष्टाचार और कदाचार के खिलाफ उनकी सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है और इसमें कोई भी बख्शा नहीं जाएगा. सुजीत कुमार के निलंबन का यह कदम भी इसी नीति का एक हिस्सा है, जो दर्शाता है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है. यह कार्रवाई न केवल पेयजल निगम के लिए, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र के लिए एक मिसाल बनेगी.

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