लखनऊ में ईद पर बिके 450 करोड़ के बकरे, हाइब्रिड नस्ल की डिमांड रही सबसे अधिक

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Eid ul adha 2025: इस साल ईद-उल-अजहा के मौके पर लखनऊ का कुर्बानी बाजार उम्मीद से कहीं ज्यादा चमका है. ईद के मौके पर राजधानी में इस बार बकरों की ब्रिकी ने सभी तोड़ दिए. 

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Eid ul adha 2025
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Eid ul adha 2025: इस साल ईद-उल-अजहा के मौके पर लखनऊ का कुर्बानी बाजार उम्मीद से कहीं ज्यादा चमका है. ईद के मौके पर राजधानी में इस बार बकरों की ब्रिकी ने सभी तोड़ दिए. जानकारी के मुताबिक, पूरे शहर में करीब 450 करोड़ रुपये के बकरों की बिक्री हुई, जो वाकई चौंकाने वाला आंकड़ा है.

दुबग्गा और खदरा मंडियां बनीं केंद्र

लखनऊ की दो सबसे बड़ी बकरा मंडियां—दुबग्गा और खदरा पुल के नीचे. इस विशाल कारोबार का मुख्य केंद्र रहीं. इन दोनों प्रमुख मंडियों में पिछले छह दिनों के भीतर 40 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के बकरे बिके. बाजारों में दिन-रात भीड़ उमड़ती रही और हर तरफ बकरों की खरीद-फरोख्त चलती रही.

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रवक्ता, मौलाना सुफियान निज़ामी ने बताया, शहर की करीब 9.5 लाख मुस्लिम आबादी में से लगभग 3 लाख लोगों ने कुर्बानी के लिए बकरा खरीदा. एक बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपये मानी जाए तो कुर्बानी का यह कारोबार 450 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा.

हाई-ब्रीड बकरों की भी खूब मांग रही

इस बार ग्राहकों की पसंद में भी बदलाव देखने को मिला. 50 हजार रुपये से ऊपर के हाई-ब्रीड बकरों की भी खूब मांग रही. दिलचस्प बात यह है कि कई विक्रेताओं ने ग्राहकों की सुविधा के लिए UPI, QR कोड और होम डिलीवरी जैसी आधुनिक सुविधाएं भी दीं. 

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आस्था, इंसानियत और शांति का संदेश

व्यापारिक सफलता के साथ-साथ, इस त्योहार में इबादत और इंसानियत का रंग भी गहरा रहा. सुबह-सुबह लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा की, फिर कुर्बानी की रस्म पूरी की और जरूरतमंदों में मांस बांटा. पूरे शहर में ड्रोन कैमरों से निगरानी और स्वयंसेवकों की मदद से त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया. आस्था, भाईचारे और समृद्धि के इस संगम ने एक बार फिर लखनऊ को खास बना दिया.

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