VIDEO: इस एक बयान के कारण मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को मिली 2 साल की सजा, विधायकी भी गई
Abbas Ansari News: मऊ की सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट ने पूर्व बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल कैद और ₹3,000 जुर्माने की सजा सुनाई है.
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Abbas Ansari News: पूर्व बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के एक पुराने मामले में दोषी ठहराया गया है. मऊ की सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट ने उन्हें 2 साल कैद और ₹3,000 जुर्माने की सजा सुनाई है.
क्या था मामला?
मामला 3 मार्च, 2022 का है, अब्बास मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में अधिकारियों को धमकी दी थी कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे उन्हें 'ठीक से देख लेंगे'.
अब्बास अंसारी ने कहा था, 'सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी. जो जहां है, वही रहेगा. पहले हिसाब-किताब होगा. फिर ट्रांसफर होगा.'
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इस भड़काऊ बयान के बाद काफी हंगामा हुआ. तब मऊ कोतवाली के सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने अब्बास अंसारी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. अब्बास ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक हैं.
इस बयान के बाद इलेक्शन कमीशन ने अब्बास के खिलाफ कार्रवाई कर 24 घंटे चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 4 अप्रैल 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर FIR दर्ज की गई. इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी समेत लगभग 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.
किन धाराओं में हुई सजा?
अब्बास अंसारी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की छह धाराओं में केस दर्ज किया गया था. इनमें प्रमुख धाराएं ये थीं.
धारा 506: आपराधिक धमकी देना
धारा 171F: चुनाव में गलत तरीके से प्रभाव डालना
धारा 186: सरकारी काम में बाधा डालना
धारा 189: सरकारी कर्मचारी को धमकाना
धारा 153A: दो समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाना
धारा 120B: आपराधिक साजिश
इन सभी धाराओं में मऊ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) डॉ. केपी सिंह की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. कोर्ट ने अब अब्बास अंसारी को दोषी पाया है.
सह-आरोपी को भी सजा
इसी मामले में अब्बास अंसारी के साथ मंसूर अंसारी को भी सह-आरोपी बनाया गया था. कोर्ट ने उन्हें 6 महीने की कैद और ₹1,000 जुर्माने की सजा दी है.
यह मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि अब्बास अंसारी सिर्फ मुख्तार अंसारी के बेटे ही नहीं, बल्कि खुद भी विधायक हैं. इस फैसले से उनकी राजनीतिक राह पर असर पड़ सकता है.
विधायकी भी खत्म
हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद, मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है. कानून के मुताबिक, अगर किसी विधायक या सांसद को 2 साल या उससे ज़्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी सदस्यता अपने आप रद्द हो जाती है.
अब्बास अंसारी ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. उनका आरोप है कि निचली अदालत में उनके पक्ष को पूरी तरह से सुना नहीं गया. अब्बास अंसारी और उनके वकील अब इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट का रुख करेंगे.
VIDEO- इस बयान के चलते जाएगी विधायकी