Ayodhya : सुहागरात के वो 3 घंटे...ऐसा क्या हुआ कि दूल्हा-दुल्हन का शव इस हाल में मिला, सामने आया बड़ा अपडेट
सुहागरात में पति-पत्नी थे. घर की कुंडी भीतर से बंद थी. तीसरा और कोई नहीं थी. फिर शादी में खुश नजर आ रहे और एक डांस कर खुशियां बना रहे इस जोड़े के बीच ऐसा क्या हुआ कि एक दूसरे की जान के प्यासे बन गए.
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अयोध्या में एक ऐसी घटना घट गई जिसने सबको सन्न कर दिया है. शादी के बाद सुहागरात की सुबह का मंजर दहला देने वाला था. परिजनों ने जब ये नजारा देखा तो उनका कलेजा बैठ गया. रो-रोकर पूरे परिवार का बुरा हाल हो गया. शादी के घर में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में सन्नाटा छा गया. दुल्हन के मायके में सब रोने लगे. पिता ने जिस बेटी को बड़े नाज से पाला था. उसकी शादी कर घर से विदा किया, उसका शव शादी के अगले ही दिन ससुराल से बाहर निकला. ये नजारा ऐसा था कि कलेजा फट जाए.
इधर पुलिस के लिए ये हत्या मर्डर मिस्ट्री बन गई है. सुहागरात में पति-पत्नी थे. घर की कुंडी भीतर से बंद थी. तीसरा और कोई नहीं थी. फिर शादी में खुश नजर आ रहे और एक डांस कर खुशियां बना रहे इस जोड़े के बीच ऐसा क्या हुआ कि एक दूसरे की जान के प्यासे बन गए. किसने किसकी जान ली? रिश्ते की कली खिलने से पहले कैसे मुरछा गई? ऐसे कई सवालों के बीच पुलिस को कुछ इनपुट मिला है. इससे पहले हम आपको पूरी घटना बता देते हैं...
ये है पूरा मामला
रामजन्मभूमि से महज 8 किलो मीटर दूर सहादतगंज स्थित मुरावन गांव में खुशियां ही खुशियां थीं. प्रदीप कुमार दूल्हा बन अपनी दुल्हनियां लेकर घर आए थे. प्रदीप की शादी 7 मार्च को खंडासा की रहने वाली शिवानी से हुई थी. 8 मार्च को वह शिवानी को लेकर घर आए. दूल्हन का जोरदार वेलकम हुआ. पूरे दिन दूल्हन देखने परिवार के सदस्यों का उससे रूबरू होने का दौर चला. 10 को रिसेप्शन था. घर के बाकी सदस्य उस तैयारियों में लगे थे. 8 की रात दूल्हा-दुल्हन खा-पीकर करीब 12 बजे कमरे में गए. सुबह जब इन्होंने दरवाजा नहीं खोला तब घरवालों ने दरवाजा तोड़ दिया. कमरे में शिवानी का शव पड़ा था. प्रदीप फंदे पर झूल रहा था. उधर प्रदीप के बड़े भाई रिश्तेदारों को लेकर रिसेप्शन के लिए सब्जियां खरीदने गए थे. तभी घर से फोन आया. सब्जी छोड़ सब घर भागे. वहां मातम पसरा था. सब रो रहे थे.
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पुलिस पहुंची तब कमरे का दरवाजा टूटा हुआ था. बताया गया कि सुबह 6 बजे दरवाजा खटखटाया गया. कोई आवाज नहीं मिलने पर परिवार वालों ने समझ दोनों सो रहे हैं. फिर 7 बजे खटखटाया गया. दरवाजा नहीं खुलने पर खिड़की से झांकर देखा गया. पंखे से प्रदीप की लाश लटक रही थी. दरवाजा तोड़ा गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये बात
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि शिवानी की मौत तड़के 3 बजे के करीब हुई है. उसी समय प्रदीप भी फंदे पर लटका था. यानी रात 12 बजे से लेकर 3 बजे के बीच में ऐसा क्या हुआ कि दोनों की लाश मिली.
पुलिस को मिला ये इनपुट
सूत्रों की मानें तो प्रदीप ने एक रिश्तेदार को आखिरी कॉल किया था. रिश्तेदार से पूछने पर उसने बताया कि वो नया मोबाइल फोन लेने को लेकर सवाल कर रहा था. प्रदीप के मोबाइल में एक अधूरा मैसेज टाइप्ड मिला है. इसमें शिवानी का नाम है. शायद प्रदीप किसी को ये मैसेज भेजकर कुछ बताना चाह रहा था. सूत्रों की मानें तो मौत से पहले दोनों तक जमकर तकरार भी हुई है. मामले में प्रदीप के परिवार वाले और शिवानी के परिवार वाले कुछ भी बता नहीं पा रहे हैं. सबका मानना है कि धूमधाम से शादी हुई थी. दोनों खुश थे. ऐसी कोई बात नहीं थीं.
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10वीं पास था प्रदीप और 8वीं तक पढ़ी थी शिवानी
प्रदीप 3 बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटा था. प्रदीप 10वीं तक पढ़ा था और टाइल्स लगाने का काम करता था. उसने अपने कमरे की टाइल्स भी खुद लगाई थी. शिवानी का परिवार दिल्ली में रहता है. उसके पिता नारायणा इंडस्ट्रीयल एरिया में काम करते थे. वो आठवीं तक पढ़ी थी और सुलाई-बुनाई का काम जानती थी.
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पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ रही
आखिर प्रदीप शिवानी के नाम से ये मैसेज कहां कर रहा था. मैसेज में वो क्या कहना चाहता था जिससे मामला विवाद तक पहुंचा. आखिर बंद कमरे में 3 घंटों तक ऐसा क्या हुआ? इन इन सारे सवालों के जवाब तलाशने में जुटी हुई है.
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