साइलेंट हार्ट अटैक से राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की पत्नी का आकस्मिक निधन!

न्यूज तक

Gajendra Singh khinwsar: राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की पत्नी प्रीति कुमारी का आज सुबह अचानक निधन हो गया. सुबह उनकी तबियत बिगड़ने पर परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए.

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Gajendra Singh khinwsar: राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की पत्नी प्रीति कुमारी का आज सुबह अचानक निधन हो गया. सुबह उनकी तबियत बिगड़ने पर परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए.

जानकारी के अनुसार, प्रीति कुमारी को पहले एसएमएस अस्पताल ले जाने की योजना थी, लेकिन रास्ते में नजदीकी दुर्लभजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया, लेकिन कुछ ही देर बाद प्रीति कुमारी ने दम तोड़ दिया.

सूत्रों के अनुसार, प्रीति कुमारी रात को भोजन करने के बाद सो गई थीं. सुबह जब परिजनों ने उन्हें जगाने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया.

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डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि प्रीति कुमारी को साइलेंट हार्ट अटैक आया था, जिसके कारण उनका निधन हुआ. गजेन्द्र सिंह खींवसर और प्रीति का विवाह 25 फरवरी 1982 को हुआ था. यह दुखद घटना मंत्री खींवसर और उनके परिवार के लिए बड़ा झटका है. प्रीति कुमारी के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. 

साइलेंट हार्ट अटैक क्या है?

जब दिल के किसी हिस्से में खून का संचार रुक जाता है, तो दिल की मांसपेशियां मरने लगती हैं. सामान्य हार्ट अटैक में सीने में तेज दर्द, सांस फूलना और पसीना आना जैसे स्पष्ट लक्षण दिखते हैं. लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में ये लक्षण या तो बहुत कम होते हैं, या फिर उन्हें गैस, थकान, या मामूली दर्द समझ लिया जाता है.

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण:

  • हल्का सीने में दबाव या बेचैनी: यह हल्का दर्द, भारीपन या असहजता जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन तेज नहीं होता.
  • सांस लेने में कठिनाई: बिना ज्यादा मेहनत के सांस फूलना या हल्की सांस लेने में दिक्कत.
  • असामान्य थकान या कमजोरी: बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत ज़्यादा थका हुआ या कमज़ोर महसूस करना.
  • पसीना आना: ठंडा पसीना आना, खासकर जब आप कोई कड़ी मेहनत नहीं कर रहे हों.
  • जी मिचलाना या उल्टी: बिना किसी स्पष्ट कारण के मतली या उल्टी महसूस होना.
  • चक्कर आना या बेहोशी: हल्का चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना.
  • हल्का दर्द: गर्दन, जबड़े, पीठ या बांह (अक्सर बाईं बांह) में हल्का दर्द या असुविधा. इसे अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव या सामान्य दर्द समझ लिया जाता है.

साइलेंट हार्ट अटैक के कारण:

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): धमनियों में प्लाक (वसा और कोलेस्ट्रॉल) का जमा होना, जिससे ब्लॉकेज हो जाती है और दिल तक खून का प्रवाह कम हो जाता है.
  • उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): हाई ब्लड प्रेशर दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है.
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल: शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का अधिक होना.
  • मधुमेह (Diabetes): डायबिटीज के मरीजों में नर्व डैमेज के कारण दर्द महसूस करने की क्षमता कम हो सकती है.
  • धूम्रपान और शराब का सेवन.
  • मोटापा.
  • शारीरिक गतिविधि की कमी.
  • तनाव.

साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव:

  • स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें. प्रोसेस्ड फूड, चीनी, नमक और अस्वस्थ वसा से बचें.
  • नियमित व्यायाम: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम करें.
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: अपने वजन को नियंत्रित रखें.
  • रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करें: अगर आपको उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो डॉक्टर की सलाह का पालन करें और दवाएं नियमित रूप से लें.
  • धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन दिल के लिए हानिकारक है.
  • तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य तकनीकों का अभ्यास करें.
  • नियमित स्वास्थ्य जांच: खासकर अगर आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है या आप जोखिम वाले कारकों में आते हैं, तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं. ECG और अन्य टेस्ट से दिल की स्थिति का पता चल सकता है.

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