पाकिस्तान के बारे में दुनिया को क्या बताया? पीएम मोदी को ब्रीफ करेंगे 33 देशों के दौरे पर गए डेलीगेट्स!

न्यूज तक

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान चलाया गया था, जिसके तहत भारत के 7 बड़े राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में गए थे. अब वापस लौटकर आए इन डेलीगेट्स से प्रधानमंत्री मोदी फीडबैक लेंगे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून के दूसरे हफ्ते में उन प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात करेंगे, जो हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत अलग- अलग देशों का दौरा कर लौटे हैं. ये बैठक 9 या 10 जून को आयोजित हो सकती है. इस दौरान सभी प्रतिनिधिमंडल अपने-अपने विदेश दौरों की रिपोर्ट और अनुभव प्रधानमंत्री को ब्रीफ करेंगे.

दरअसल, ये प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के कई अहम देशों में जाकर भारत की ओर से आतंकवाद के मुद्दे पर पक्ष रख चुके हैं. इनका मुख्य उद्देश्य वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करना और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना रहा.

पहलगाम के बाद शुरू किया गया अभियान 

भारत सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस अभियान की शुरुआत की थी. बता दें कि इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी.

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इसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के तहत कूटनीतिक कदम चलते हुए भारत के सात राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता अलग-अलग देशों में भेजा गया. इसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ दुनियाभर में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना रहा.

33 देशों का किया दौरा

इन प्रतिनिधियों ने अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और पूर्वी एशिया जैसे क्षेत्रों में कुल 33 देशों का दौरा किया. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया जैसे देशों की यात्रा की. वहीं, बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय यूनियन देशों में भारत का पक्ष रखने पहुंचे.

सुप्रिया सुले =भी पहुंची विदेश

शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने मध्य पूर्व और अफ्रीका के कुछ देशों का दौरा किया. भाजपा के बैजयंत जय पांडा सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया पहुंचे थे. इसके साथ ही कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके), संजय कुमार झा (जदयू) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) ने भी अलग-अलग देशों का दौरा किया.

PM मोदी को करेंगे ब्रीफ

इन सभी नेताओं ने संबंधित देशों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की और भारत का पक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन सभी प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी ताकि भविष्य की कूटनीतिक रणनीति तैयार की जा सके.

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