मोदी की ‘सिंदूर सम्मान यात्रा’ या चुनावी मास्टरस्ट्रोक? राहुल गांधी ने उठाए कई सवाल!

विजय विद्रोही

Sindoor samman yatra: पीएम मोदी की महिला केंद्रित रणनीति और ‘सिंदूर सम्मान यात्रा’ के राजनीतिक संदेशों के बीच अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट ने पाकिस्तान-चीन के खतरनाक इरादों को लेकर भारत को सतर्क कर दिया है.

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PM Modi in Vadodara
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Modi Visit to Vadodara:वडोदरा में आयोजित 'सिंदूर सम्मान यात्रा' में 25,000 महिलाओं की भागीदारी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रणनीति के पत्ते खोल दिए. यह यात्रा, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का प्रतीकात्मक विस्तार माना जा रहा है, महिलाओं को जोड़ने और राष्ट्रीय गौरव का माहौल बनाने की कोशिश है. यात्रा में कर्नल सोफिया के परिवार की मौजूदगी और एयरफोर्स गेट तक की रैली ने इसे सैन्य और भावनात्मक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बना दिया.

महिलाओं को जोड़ने की रणनीति

मोदी की रणनीति में सिंदूर को एक प्रतीक के रूप में पेश किया जा रहा है, जिसके जरिए वह हिंदू महिलाओं सहित देश की महिलाओं को जोड़ना चाहते हैं. इसका मकसद बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में वोटरों को प्रभावित करना है. विशेषज्ञ इसे 2029 के लोकसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं.

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अपमान करने वालों पर चुप्पी क्यों?

विपक्ष और कई आलोचकों का आरोप है कि मोदी सरकार प्रतीकात्मकता के जरिए सहानुभूति बटोर रही है लेकिन जिन नेताओं ने कर्नल सोफिया को आतंकियों की बहन कहा, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह और अन्य नेताओं के बयानों पर पार्टी खामोश रही.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी की चेतावनी

वहीं, अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने पाकिस्तान और चीन के इरादों को लेकर गंभीर चेतावनी दी है. एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान भारत को 'पुश्तैनी दुश्मन' मानता है और अपनी सैन्य शक्ति, विशेषकर परमाणु हथियारों, को बढ़ाने की तैयारी में है. चीन भी सामरिक और आर्थिक रूप से पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है. दोनों देशों के पास कुल 170 परमाणु हथियार हैं, जबकि चीन के पास 700 हैं, जो अगले चार साल में 1,000 तक पहुंच सकते हैं.

राहुल गांधी के सवाल और सुरक्षा चूक

राहुल गांधी भी अपने पत्ते खोल चुके हैं. वो लगातार "मोहब्बत की दुकान" और संवेदनशीलता की राजनीति पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने पहलगाम में हुई चूक, आतंकियों की घुसपैठ, और समझौते की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि क्या पाकिस्तान को पहले से जानकारी देना उचित था? क्या अमेरिका के दबाव में भारत ने सैन्य कार्रवाई रोकी?

राजनीतिक मंच से सैन्य प्रतीकों पर विवाद 

प्रधानमंत्री को सैन्य वर्दी या प्रतीकों के साथ दिखाना परंपरागत सैन्य सिद्धांतों के खिलाफ है. आम नागरिकों को सैन्य वेशभूषा पहनने की अनुमति नहीं होती क्योंकि इससे आतंकवादियों को आसानी हो सकती है. बावजूद इसके, मोदी को फाइटर जेट्स, मिसाइलों की पृष्ठभूमि में दिखाया जाना सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय है. इससे सैन्य और राजनीतिक सीमाएं धुंधली हो रही हैं.

आगामी समारोह और रणनीति

इस बीच, मध्य प्रदेश में अहिल्या बाई के 300 साल पूरे होने पर 'महिला सम्मान समारोह' का आयोजन होगा, जो मोदी की रणनीति का हिस्सा है. दूसरी ओर, राहुल गांधी ने 'मोहब्बत की दुकान' को आगे बढ़ाने का ऐलान किया है, जिसके तहत वह सुरक्षा और जवाबदेही के मुद्दों को उठाते रहेंगे.

यहां देखें पूरा वीडियो:

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