कौन हैं निमिषा प्रिया जिसके लिए केरल से यमन तक चल रही मुहिम, 'ब्लड मनी' से बच पाएंगी वो ?
16 जुलाई को यमन में फांसी की सजा का सामना कर रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मां ब्लड मनी से बेटी को बचाने की आखिरी कोशिश में जुटीं.
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केरल की निमिषा प्रिया कमाने के लिए नर्स की नौकरी करने यमन गई थी. वक्त ने ऐसी पलटी मारी कि निमिषा फांसी के फंदे तक पहुंच गई है. अगर कोई करिश्मा नहीं हुआ तो निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को सजा-ए-मौत हो जाएगी. सरकार की ओर से निमिषा को बचाने की कोशिश हो रही है, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आया है.
संसद में भी निमिषा प्रिया की गूंज है. केरल से सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास ने आरोप लगाया कि सरकार को जितना कुछ करना चाहिए था वो उन्होंने नहीं किया.
यमन में गृह युद्ध का माहौल
यमन में गृह युद्ध का माहौल बना है. भारी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है. यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे में है. जिससे भारत सरकार का कोई डिप्लोमेटिक रिलेशन नहीं है. अब अचानक निमिषा को बचाने की फरियाद मनवा लेना आसान नहीं माना जा रहा है. फिलहाल निमिषा प्रिया यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है. 16 जुलाई को लाइफ या डेथ का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं.
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कौन हैं निमिषा प्रिया?
पलक्कड़ से निमिषा प्रिया 2011 में नर्स की नौकरी के लिए यमन की राजधानी सना गई थी. तब पति और बेटी साथ गए थे. 2014 में पति और बेटी भारत लौट आए, लेकिन यमन के हालात के कारण निमिषा फंस गई. वो भारत लौट नहीं सकी. उसका पति और बेटी लौटकर यमन जा नहीं सके.
इस बीच निमिषा ने नर्स की कई नौकरियां करने के बाद सना में 2015 में अपना क्लीनिक खोल लिया. यमन में बिना लोकल बिजनेस पार्टनर बनाए कोई बिजनेस नहीं किया जा सकता. इसीलिए निमिषा प्रिया ने यमन के नागरिक तलाल महदी के साथ बिजनेस पार्टनरशिप की. वही गलती जानलेवा साबित हो रही है. तलाल से निमिषा की बिजनेस पार्टनरशिप कुछ अजीब दिशा में जाने लगी.
बिजनेस पार्टनर ही निमिषा को बताने लगा बेगम
तलाल ने निमिषा को पत्नी बताना शुरू कर दिया. निमिषा ने तलाल पर धोखा देने, बिजनेस शेयर हथियाने, मारपीट करने, शोषण करने, पासपोर्ट हथियाने जैसे आरोप लगाए. निमिषा की शिकायत पर तलाल की गिरफ्तारी हो गई, लेकिन कुछ महीनों में जेल से छूटकर तलाल फिर निमिषा के पीछे लग गया.
इंजेक्शन के ओवडोज से तलाल की हुई मौत
यमन पुलिस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में अपना पासपोर्ट वापस हासिल करने के लिए निमिषा ने तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन के ओवरसोज से तलाल की मौत हो गई.
सबूत छिपाने के लिए निमिषा ने तलाल के किए टुकड़े
सबूत मिटाने, गुनाह छुपाने के लिए निमिषा ने एक और यमनी नागरिक अब्दुल हनान की मदद से तलाल की बॉडी के टुकड़े-टुकड़े करके पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया. फिर भी निमिषा बच नहीं सकी.
2020 में यमन की कोर्ट ने दी सजा-ए-मौत
2020 में निमिषा को यमन कोर्ट ने मौत की सजा सुना दी थी. निमिषा प्रिया ने कई लेवल पर रहम के लिए अपील की. 2023 में हूतियों के supreme Judicial Council ने भी सजा बरकरार रखी. पिछले साल दिसंबर में यमन की राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ठुकरा दी तो अब सजा ए मौत पर अमल की तारीख आ गई 16 जुलाई.
फांसी की सजा से बचने के लिए क्या है ब्लड मनी?
फांसी की सजा से बचने के लिए यमन में एक सिस्टम काम करता है ब्लड मनी. यमन में इसे दियात कहते हैं. सिस्टम ये है कि अगर पीड़ित परिवार मुआवजे की रकम लेकर दोषी की सजा माफ करने के लिए तैयार हो जाए तो ऐसा हो सकता है. निमिषा का परिवार ब्लड मनी से निमिषा को बचाने की कोशिश कर रहा है. यमन के हालात के कारण सरकार ने भारतीयों के जाने पर रोक लगाई हुई है. मां प्रेम कुमारी बेटी को बचाने के लिए दिल्ली कोर्ट से इजाजत लेकर यमन पहुंचीं. Save Nimisha Priya action council का कैंपेन चलाते हुए करीब एक साल से लड़ाई लड़ रही हैं.
मां ने क्राउड फंडिंग से पैसे जुटाए
यमन में रहकर मां ने सेव निमिषा के लिए क्राउड फंडिंग से पैसे जुटाए. तलाल के परिवार से मिलकर दियात यानी ब्लड मनी के 8.5 करोड़ ऑफर भी किए, लेकिन ये बातचीत नेगोशिएशन में शामिल वकील के कारण अटकती रही. ब्लड मनी लेकर भी परिवार निमिषा को बचाएगा या नहीं, इसकी कन्फर्मेशन नहीं हो पाई है. अगर तलाल महदी का परिवार पैसे लेकर निमिषा को छोड़ने के लिए कहे तो ये हो सकता है. अगर परिवार नहीं माना तो निमिषा को सिर्फ भारत सरकार की कोशिशों से ही मौत से रहम मिल सकती है.
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