सीजफायर पर ट्रंप के दावे को भारत ने नकारा, MEA ने कहा- बाचचीत में ट्रेड का जिक्र नहीं
विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि पाकिस्तान से पीओके खाली कराना है. जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर तीसरे का दखल मंजूर नहीं है.
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भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद विदेश मंत्रालय ने मंगलवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है. 'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले रिएक्शन से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा कर दिया कि भारत और पाकिस्तान से ट्रेड रोक देने की बात कहने पर वे सीजफायर के लिए राजी हुए.
विदेश मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को नकार दिया. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण हालात के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों अमेरिकी नेतृत्व से संपर्क में थे. हालांकि व्यापार को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- '7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को सीजफायर पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बात होती रही. किसी भी चर्चा में ट्रेड का मुद्दा नहीं उठा.'
डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?
भारतीय समयानुसार सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- '' वे बहुत ज़ोरदार तरीके से लड़ रहे थे और ऐसा लग रहा था कि यह रुकने वाला नहीं था. मैंने कहा कि चलो हम तुम्हारे साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं, इसलिए इसे रोक दो. अगर तुम इसे नहीं रोकोगे, तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे. अचानक उन्होंने कहा कि ठीक है हम इसे रोकने जा रहे हैं.''
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कश्मीर के मुद्दे पर तीसरे का दखल मंजूर नहीं
विदेश मंत्रालय ने ये साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर तीसरे का दखल मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान आपस में सुलझाएंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- जैसा कि आप जानते हैं, जो मामला बकाया है वो ये है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (POK) को खाली कराना है.
ट्रंप के इस बयान के बाद आया MEA का रिएक्शन?
माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर के मुद्दे सुलझाने की पेशकश वाले सोशल पोस्ट के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना रुख साफ किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने 11 मई को सोशल मीडिया X पर लिखा था- "मैं इन दोनों महान राष्ट्रों के साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे, जो 1000 वर्षों से विवाद में है, उसका समाधान निकालने की आशा करता हूं, ताकि क्षेत्र में शांति और समृद्धि कायम हो सके, और अमेरिका तथा विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ सके."
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