ऑपरेशन सिंदूर के 5 हीरो: किसी ने बनाई रणनीति तो किसी ने निकाली खुफिया जानकारी, ये हैं एयर स्ट्राइक के सुप्रीम कमांडर

ललित यादव

5 heroes of Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस जवाबी कार्रवाई को नाम दिया गया – 'ऑपरेशन सिंदूर'. इस ऑपरेशन के पीछे कई चेहरे हैं जिन्होंने मिलकर इसे अंजाम तक पहुंचाया.

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5 heroes of Operation Sindoor
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5 heroes of Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस जवाबी कार्रवाई को नाम दिया गया – 'ऑपरेशन सिंदूर'. इस ऑपरेशन के पीछे कई चेहरे हैं जिन्होंने मिलकर इसे अंजाम तक पहुंचाया. आइए जानते हैं कौन हैं वे हीरो, जिनकी वजह से ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा.

1. PM नरेंद्र मोदी: ऑपरेशन सिंदूर के असली सेनापति

तकनीकी रूप से राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की कमान खुद संभाली. 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में जब महिलाओं और बच्चों के सामने उनके परिजनों को गोली मारी गई और आतंकियों ने कहा "जा के मोदी को बता देना", तब पीएम मोदी ने मन ही मन बदला लेने का संकल्प लिया.

यही वजह रही कि इस ऑपरेशन का नाम भी 'सिंदूर' खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाया. पीएम ने सेना को निर्देश दिया कि आतंकियों की जमीन तक को मिट्टी में मिला देना है.

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बीते 12 दिनों में पीएम मोदी ने 15 से ज्यादा बैठकों में सुरक्षा एजेंसियों और सेना प्रमुखों से रणनीति बनाई. पूरा ऑपरेशन पीएम मोदी की निगरानी में 7 लोक कल्याण मार्ग (7LKM) से चलाया गया.

2. NSA अजीत डोभाल: ऑपरेशन के रणनीतिकार

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ऑपरेशन सिंदूर के मुख्य योजनाकार रहे. लाहौर से करीब 409 किलोमीटर दूर बैठकर उन्होंने आतंकियों के अड्डों को जलाकर राख कर दिया.

डोभाल ने सबसे पहले RAW और दूसरी खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों की पूरी जानकारी जुटाने का आदेश दिया. फिर तैयार की गई लिस्ट को सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ साझा किया गया.

डोभाल ने ऑपरेशन की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की और पीएम मोदी को पल-पल की जानकारी देते रहे. हमलों के दौरान पीएम खुद पूरी रात जागकर निगरानी कर रहे थे.

3. RAW चीफ रवि सिन्हा: खुफिया ऑपरेशन के मास्टरमाइंड

रॉ प्रमुख रवि सिन्हा ने पाकिस्तान में लश्कर और जैश के ठिकानों की सटीक जानकारी दी. 21 टारगेट्स की पहचान की गई, जिनमें से 9 अहम ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए.

1988 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को खुफिया क्षेत्र में तकनीक के बेहतर उपयोग के लिए जाना जाता है. वे कम बोलते हैं, लेकिन अपने काम में माहिर हैं. उन्होंने RAW की ऑपरेशनल विंग को भी पहले लीड किया है.

4. सेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुख: जमीन से आसमान तक प्रहार

3 मई को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में एक हाई-लेवल मीटिंग हुई. इसमें पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी मौजूद थे. बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर एक बार फिर हवाई हमले किए जाएंगे. इसके बाद, तीनों सेनाओं के चयनित अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया.

आखिरकार, भारतीय वायुसेना ने 6-7 मई की रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पीओके में हवाई हमले किए. महज 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 7 शहरों में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया.

5. विदेश सचिव विक्रम मिसरी: कूटनीति और संवाद कमांडर

विदेश सचिव विक्रम मिसरी पीएम मोदी और एनएसए के एक भरोसेमंद सहयोगी हैं, इनको 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए कूटनीति और संवाद कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा आयोजित ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी भी मिसरी ने ही संभाली थी. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जैसे देशों के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखने की बड़ी जिम्मेदारी विक्रम मिसरी पर थी.

विक्रम मिसरी ने ब्रीफिंग के दौरान कहा था, 'नागरिकों की जान-माल की हानि या गैर-सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया था.'

उन्होंने विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य करने के अलावा, उन्होंने भारत के तीन अलग-अलग प्रधानमंत्रियों - आईके गुजराल, डॉ मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया है.

इनपुट: मनजीत नेगी

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