Delhi Monsoon Update: दिल्ली में आखिर कब बरसेंगे बादल, क्यों नहीं हो रही मानसून की एंट्री? जानें पूरी डिटेल
Delhi Monsoon Update: मौसम विभाग के मुताबिक, एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन के दक्षिण में होने से मानसून की एंट्री में देरी हो रही है. जानें दिल्ली में आखिर कब बरसेंगे बादल और क्या है मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी?
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Delhi Monsoon Update: दिल्ली में गर्मी और उमस से परेशान लोग बारिश की राह देख रहे हैं, लेकिन मानसून हर बार उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. पिछले कुछ दिनों से आसमान में बादल तो छाए हैं, लेकिन बारिश की बूंदें दिल्ली वालों को तरस रही हैं. मौसम विभाग हर दिन अलर्ट जारी कर रहा है, फिर भी बारिश की झलक तक नहीं मिल रही. आखिर दिल्ली में मानसून का यह रूठना क्यों? आइए, इस खबर में जानते हैं दिल्ली के मौसम का पूरा हाल और मानसून के देर होने की वजह.
दिल्ली का मौसम: बादल हैं, बारिश नहीं
पिछले 3-4 दिनों से दिल्ली में बादल छाए हुए हैं. कुछ इलाकों में हल्की-फुल्की बूंदाबांदी तो हुई, लेकिन वह बारिश जो दिल्ली की सड़कों को भिगो दे, वह अब तक नहीं आई. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में दक्षिण-पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जो नमी तो ला रही हैं, लेकिन बारिश के लिए जरूरी परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं. इसका कारण है ऊपरी वायुमंडल में बना एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन, जो मानसून को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक रहा है. इसी कारण से दिल्ली में सिर्फ उमस और बादल है लेकिन बारिश नहीं हो रही है.
क्या रोक रहा है मानसून को?
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और मौसमी कारक इस बार मानसून को रोक रहे हैं. दिल्ली लैंडलॉक्ड है, यानी यह समुद्र से दूर है, जिसके कारण नमी का प्रवाह सीमित हो जाता है. इसके अलावा, दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में क्वासी-जियोस्ट्रोफिक हवाएं बारिश को दबा रही हैं. हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है, लेकिन दिल्ली में कन्वेक्टिव एक्टिविटी की कमी के चलते बारिश छिटपुट ही रह गई है. मौसम विभाग के अनुसार, पूर्व-पश्चिम ट्रफ लाइन दिल्ली के दक्षिण में मौजूद है, जो नमी तो ला रही है, लेकिन बारिश के लिए अनुकूल माहौल नहीं बना पा रही.
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मानसून की घोषणा के लिए क्या चाहिए?
मौसम विभाग तब मानसून की आधिकारिक घोषणा करता है, जब कुछ खास शर्तें पूरी होती हैं:
- पर्याप्त बारिश: दिल्ली के प्रमुख मौसम स्टेशनों (जैसे सफदरजंग और पालम) पर लगातार दो दिन तक कम से कम 2.5 मिमी बारिश होनी चाहिए. साथ ही, बारिश पूरे शहर में एकसमान होनी चाहिए, न कि छिटपुट.
- नमी और हवाएं: दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाएं स्थापित होनी चाहिए, जो अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से नमी लाएं. निचले वायुमंडल में हवाओं की गति 15-20 नॉट होनी चाहिए.
- वायुमंडलीय परिस्थितियां: नमी का स्तर 60% से अधिक और आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (OLR) 200 W/m² से कम होना चाहिए, जो बादल और बारिश की गतिविधि को दर्शाता है.
- चक्रवाती परिसंचरण: निम्न दबाव क्षेत्र या चक्रवाती सर्कुलेशन जैसे कारक बारिश को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.
मानसून जल्द दे सकता है दस्तक
मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है. अगले 3-4 दिनों में मौसमी ट्रफ के उत्तर की ओर बढ़ने और एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन के कमजोर होने की संभावना है. इससे दिल्ली में बारिश की स्थिति बेहतर हो सकती है. दिल्ली में मानसून का सामान्य आगमन 30 जून के आसपास होता है, और इस बार भी इसके उसी समय आने की उम्मीद है. यानी दिल्ली वालों को उमस से राहत के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.